मंडी (करसोग). उपमंडल करसोग की विंदला पंचायत के ग्रामीण आज भी सड़क मार्ग से नहीं जुड़ पाये. जहां दुनिया के लोग चांद पर घर बनाने के तरीके तलाश रहे है. वहीं सरकार का लोके निर्माण विभाग आजादी के इतने दशक बीत जाने के बाद विंदला को सड़क मार्ग से ही नहीं जोड़ पाये. जिस कारण ग्रामीणों को भारी परेशनियों का सामना करना पड़ रहा है.
विंदला पंचायत के लोगों को आज भी जान हथेली पर रखकर सतलुज नदी पर बने झूले से आर पार जाना पड़ता है. हालात यह है कि आस-पास की पंचायतों के लोगों ने इस पंचायत में झूला न चढ़ने के डर से शादी, ब्याह या कोई उत्सव हो तो इस पंचायत में जाने से कतराते है. आधा दर्जन से अधिक गांवों के 2500 के लगभग लोगों को सरकार व विभाग की अनदेखी के कारण मुलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा हैं.
पंचायत के गांव मरौला, डवारू, रोपड, तलेहन, खडेहन, फलैहडी, करैल के लोग जान जोखिम में डालकर झुले के सहारे सतलुज नदी को पार करने को विवश है. प्रदेश प्रवक्ता भाजयुमों युवराज कपूर, रमेश कुमार, भीमीराम, पूर्णचन्द आदि का कहना है कि सरकार भले ही प्रदेश में सडक के जाल बिछाने के बड़े बड़े दावे कर रही है. असलियत में आज भी विंदला पंचायत को सडक सुविधा से महरूम है.
हालांकि सरकार ने 1998 से विंदला पंचायत को सड़क से जोड़ने की कवायद शुरू की थी. वर्ष 2007 तक शाकरा गांव से कुछ दूरी तक सड़क का निर्माण कार्य भी हुआ. 2007 के बाद इस सडक मार्ग का कार्य पूरी तरह ठप्प पड़ा है. क्षेत्र की जनता ने सरकार से गुहार लगाई है कि विंदला पंचायत के लिए जल्द सडक मार्ग की व्यवस्था की जाये. इस बारें में लोनिवि अधिशासी अभियन्ता टीसी शर्मा ने कहा कि आज तक यह सड़क मार्ग फोरेस्ट कलियरैंस के पेंच में फंस गया था. अब फोरेस्ट कलियरैंस मिल गई है. 6 किमी की सड़क बनाने के लिए 2 करोड़ 40 लाख की राशि स्वीकृत का टेडर लगवा दिया गया है. जल्द ही सड़क मार्ग निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.