नई दिल्ली. वीरभद्र सिंह को अजेय राजनीतिज्ञ कहें तो गलत नहीं होगा. अपने 55 साल के राजनीतिक सफर में उन्होंने 13 बार चुनाव लड़ा और हर चुनाव जीता. वह आठ बार विधायक, 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और पांच बार लोकसभा में बतौर सांसद रह चुके हैं और पिछली आधी सदी में वह कोई चुनाव नहीं हारे हैं. जानिए वीरभद्र सिंह के जीवन की कुछ कही-अनकही बातें…
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह
1962 में वह कांग्रेस से जुड़े उसके बाद लगातार सफलता की कहानी लिखते रहे. कम से कम हिमाचल की राजनीति में उनके जैसा कद किसी और राजनेता का नहीं दिखता. 1983 से 2012 तक उन्होंने हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभाला है. इसके साथ ही वह हिमाचल कांग्रेस के चार बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
जनता दल पार्टी से राम लाल ने 1990 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को विधानसभा चुनाव में हरा दिया था. हालांकि वीरभद्र सिंह ने उस दौरान (रोहडू व जुब्बल कोटखाई) दो विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ा था, जिसमें वह रोहडू की सीट तो जीत गए थे लेकिन जुब्बल कोटखाई से वह चुनाव हार गए थे.
केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह
2009 की मनमोहन सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना कर इस्पात मंत्रालय का भार सौंपा गया. इससे पहले भी वीरभद्र सिंह 1976 से 1977 तक केंद्र में नागरिक उड्डयन तथा पर्यटन राज्यमंत्री और 1982 से 1983 तक केंद्र में उद्योग राज्यमंत्री रहे चुके हैं.
भ्रष्टाचार और वीरभद्र सिंह
वीरभद्र सिंह भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हुए हैं. वीरभद्र पर आरोप है की उन्होंने एक परियोजना के लिए एक निजी बिजली कंपनी को विस्तार देने के एवज में रिश्वत ली है. विपक्ष खासकर भाजपा इस मुद्दे को हवा देती रहती है. अभी हाल के गुड़िया प्रकरण से भी वीरभद्र सिंह सरकार की काफी किरकिरी हो चुकी है.
वीरभद्र का परिवार
वीरभद्र सिंह की पत्नी पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह भी अपने पति की तरह राजनीति करती देखी जा सकती हैं. वहीं उनके बच्चे अपराजिता सिंह और विक्रमादित्य सिंह राजनीति का ककहरा सीख रहे हैं. इस बार विक्रमादित्य सिंह पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं.
वीरभद्र 2017
वीरभद्र सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा शिमला से हासिल की वहीं उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से उच्च शिक्षा पूरी की थी. इस बार का विधानसभा चुनाव भी उनके ही कंधो पर लड़ा जा रहा है, अब देखना होगा कि क्या सातवीं बार वह हिमाचल के मुख्यमंत्री बनेंगे या मोदी लहर में वीरभद्र का भी अस्त हो जाता है.