शिमला: हिमाचल प्रदेश में वाटर सेस आयोग (Water Cess Commission) का गठन होगा. इसमें एक अध्यक्ष और चार सदस्यों की नियुक्तियां होंगी. यह आयोग जल उपकर से संबंधित तमाम अपीलों की सुनवाई करेगा. आयोग हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर अधिनियम -2023 के अनुसार काम करेगा.
एक अध्यक्ष और चार सदस्य होंगे नियुक्त
राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश जलविद्युत उत्पादन पर जल उपकर राज्य आयोग अध्यक्ष और सदस्यों का वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें नियम -2023 बनाए हैं. यह नियम हिमाचल प्रदेश जल विद्युत उत्पादन पर जल उपकर अधिनियम -2023 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए बनाए गए हैं.
इनके अनुसार आयोग का अध्यक्ष और सदस्य अपना कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे. आयोग के अध्यक्ष का वेतन प्रतिमाह 1,35,000 रुपये नियत मूल वेतन जमा महंगाई भत्ता प्राप्त करने के लिए हकदार होंगे.
सदस्य 1,20,000 रुपये नियत मूल वेतन और महंगाई भत्ता प्राप्त करने का हक रखेगा. हालांकि, अगर कोई सरकारी अधिकारी अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्त होता है तो वह अपने निर्धारित वेतनमान और भत्तों का लाभ लेगा. अगर अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुका है तो उन्हें अंतिम वेतनमान के बराबर लाभ मिलेगा.
पेंशन और भत्ते इससे माइनस किए जाएंगे. अन्य भत्ते जैसे यात्रा, परिवहन, मेडिकल उपचार, टेलीफोन सुविधा आदि भी ग्रुप ए अधिकारी के बराबर दिए जाएंगे. अगर अध्यक्ष या सदस्य के पास पहले से ही सरकारी आवास है तो वह इसे अपने पास बनाए रख सकेंगे या फिर एचआरए मिलेगा.