नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी- 20 शिखर सम्मलेन में कहा कि हमें युक्रेन युद्ध रोकने के लिए रास्ता खोजना ही होगा. पीएम ने कहा, पिछली शताब्दी में, दूसरे विश्व युद्ध ने दुनिया में कहर ढाया था. उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने के लिये गंभीर प्रयास किये. अब हमारी बारी है. प्रधानमंत्री ने रूस से रियायती तेल और गैस की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों की ओर से किसी भी तरह की पाबन्दी का विरोध किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को इंडोनेशिया के बाली प्रान्त में हो रहे शिखर सम्मलेन में कहा, जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी और युक्रेन युद्ध व उससे जुड़ी घटनाओं ने वैश्विक आपूर्ति व्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है. लोगों को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हमें स्वीकार करा होगा कि इन मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र जैसी बहुपक्षीय संस्थाएं विफल रही हैं. इन संस्थाओं में उचित सुधार करने में हम भी नाकाम रहे हैं. इसलिए आज दुनिया को जी- 20 से ज्यादा अपेक्षाएं हैं. इससे जी- 20 को प्रासंगिकता बढ़ गयी है.
शांति के लिए दिखाएं सामूहिक संकल्प : पीएम मोदी बोले, मैंने बार-बार कहा है कि हमें युक्रेन में संघर्ष- विराम और कूटनीति की राह पर लौटने का रास्ता तलाशना होगा. कोविद के बाद की अवधि के लिए नई विश्व व्यवस्था बनाने का दायित्व हमारे कंधो पर है. समय की मांग हैं किहम विश्व में शांति, सौहार्द और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं.
भारत की ऊर्जा सुरक्षा वैश्विक जरूरत
- रूस से रियायती तेल व गैस की खरीद को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचना के बीच पीएम मोदी के बीच पीएम मोदी ने कहा, भारत की ऊर्जा सुरक्षा विश्व के विकास के लिए जरूरी है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढती अर्थव्यवस्था है. हमे उर्जा की निर्बाध आपूर्ति पर किसी तरह की पाबंदी नही लगानी चाहिए. ऊर्जा व्यापार की निर्बाध आपूर्ति पर किसी तरह की पाबन्दी नहीं लगानी चाहिए. ऊर्जा बाज़ार में स्थिरता भी होनी चाहिए.
- प्रधानमंत्री ने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रो, ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी में कही. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का प्रतिनिधित्व कर रहे रक्षा मंत्री सर्गेई लावरोव भी मौजूद थे.
आपूर्ति श्रंखला को लेकर भी चिंता…
पीएम मोदी ने खाद्य संकट पर दुनिया को आगाह किया. कहा, आज का खाद संकट, कल के खाद संकट में तब्दील हो सकता है, इसलिए इसका समाधान खोजना होगा. उन्होंने खाद व अनाज की आपूर्ति श्रंखला स्थिर एवं सुनिश्चित रखने के लिए साझा समझौतों पर जोर दिया.
- प्रधानमंत्री ने वैश्विक महामारी कोविड- 19 में देश के 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के प्रयासों को भी रेखांकित किया.
- मोटे अनाज भुखमरी की समस्या का समाधान… मोदी ने कहा कि भारत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है. टिकाऊ खाद्य सुरक्षा के लिए बाजरे जैसे पोष्टिक व पारंपरिक मोटे अनाज को फिर से लोकप्रिय बनाने की कोशिश है.
- मोदी ने कहा, मोटे अनाज वैश्विक कुपोषण व भुखमरी की समस्या का समाधान कर सकते हैं. हमें अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष मनाना चाहिए.
मोदी जिनपिंग की हुई मुलाकात
द्विपक्षीय वार्ता की जगी उम्मीद
- पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जी-20 सम्मलेन में मुलाकात पर लगातार उत्सुकता बनी हुई थी. सम्मेलन के दौरान तो दोनों नेता मिले नहीं, पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के विश्व नेताओं के सम्मान में आयोजित रात्रि भोज में दोनों में बिना पुर्वानिर्धारित कार्यक्रम के मुलाकात हुई. दोनों ने हाथ भी मिलाया.
- सितम्बर में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भी दोनों एक- दूसरे ,के सामने आये थे, लेकिन कोई बात नहीं हुई थी.
- अब दोनों नेताओं में फिर से द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद बन गई है. नवम्बर, 2019 के बाद से द्विपक्षीय बात नहीं हुई है.
भारत- अमेरिका सहयोग से मोदी- बाइडेन संतुष्ट
जी- 20 से इतर द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सामरिक भागीदारी की भी समीक्षा की. दोनों ने आपसी सहयोग को लेकर भरोसा जताया.