शिमला: प्रदेश के सेब बागबानों को मौसम की मार से भारी नुकसान उठाना पड़ा रहा है. जहां इस बार पहले से ही फसल बहुत कम हैं, वहीं अब मौसम के कारण बागबानों को मंडियों तक सेब पहुंचाना मुश्किल हो गया है. बागबानों को वैकल्पिक मार्गों से मंडियों तक सेब पहुंचाने का भाड़ा भी बढ़ रहा है.
पिछले वर्ष के मुकाबले मंडियो में इस बार सेब 50 प्रतिशत कम पहुंच रहा है. प्रदेश की हर मंडी में जहां 15 अगस्त तक 30 हजार से 50 हजार पेटियां पहुंचती थी, वहीं इस बार यह आंकड़ा बीस हजार भी नहीं पहुंच पा रहा है. पराला फल मंडी के आढ़तियों का कहना है कि मंडियो में कम सेब आने का मुख्य कारण खराब सड़क व कम फसल है.
उनका कहना है कि इस बार कम फसल होने के कारण मंडियों में सेब की अरवाइल पिछले साल के मुकाबले काफी कम है. दूसरा बड़ा कारण सड़कों का बंद होना है. उधर, एपीएमसी के सचिव डा. रविंद्र शर्मा का कहना है कि पिछले वर्ष जहां अब तक सोलन और परवाणू मंडी में नौ लाख पेटियां पहुंच जाती थी, तो इस बार सिर्फ पांच लाख पेटियां ही इन दोनों मंडियों में पहुंची है.
किस मंडी में कितनी पेटियां
परवाणू मंडी 18,500 पेटियां
पराला मंडी 20,000 पेटियां
पिंजौर मंडी 15,000 पेटियां
सोलन मंडी 13,500 पेटियां
सेब के दामों में उछाल
पराला फल मंडी के आढ़ती सुशील ठाकुर का कहना है कि बारिश से मंडियो में सेब काफी कम संख्या में आ रहा है. ऐसे में सेब के दामों में हल्का उछाल आया है. सेब की एक पेटी तीन हजार रुपए से 3200 रुपए तक मंडी में बिक रही है. उधर, पिंजौर मंडी में भी रविवार को तीन हजार रुपए तक सेब बिका. पिछले कुछ दिनों से मंडियों में अराईवल काफी कम हो हो गई है.