हमीरपुर(नादौन). प्रबंधक की अनदेखी के चलते नादौन अस्पताल में चारों ओर अव्यवस्था का आलम बन चुका है. अस्पताल में बैठे पशुओं, गन्दगी, चारो ओर उगी भांग के पौधों को देखकर ऐसा लगता है कि प्रबंधकों ने अस्पताल को राम भरोसे छोड़ दिया है.
शहरवासी बीते दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि अस्पताल में उस समय सुविधाओं का अभाव होते हुये भी स्वर्ण युग था जब स्वर्गीय डाक्टर मिनहास, बीएमओ (ब्लॉक मेडिकल ऑफीसर) वर्मा और एसके शर्मा स्वयं ओपीडी में सुबह से शाम तक रोगियों को देखा करते थे.
इस अस्पताल में इलाज करवा चुके लोगों का कहना है कि उस समय रोगियों को बीएमओ पर तैनात डॉ. वर्मा पर इतना विश्वास हुआ करता था कि बीएमओ का ओपीडी रोगियों से खचाखच भरा रहता था. तब अस्पताल में अन्य डाक्टर तैनात रहते थे, लेकिन रोगी बीएमओ को ही तरजीह दिया करते थे.
यही नहीं संसाधनों की कमी के बावजूद भी परिसर में लगे मोरपंखी तथा फूलों के पौधे परिसर की सुंदरता को बढ़ाते थे. इसके इसके उलट आज सफाई कर्मचारी के होते हुए भी अस्पताल में पहुंचते ही चारो ओर लावारिस पशु, उगी हुई भांग तथा गन्दगी को देखकर लगता है कि इसकी वजह अव्यवस्था और कुप्रबंधन है.
लोगों का कहना है कि ऐसा लगता है कि अब सिस्टम बदल चुका है और बीएमओ ओपीडी में यदाकदा ही दिखाई देते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा तर्क दिया जाता है कि बीएमओ विभाग संबंधी अन्य कार्य में व्यस्त होते हैं. इसलिए उन्हें रोगियों को चेकअप करने के लिए समय ही नहीं मिलता. लोगों का कहना है कि अब बीएमओ के लिए प्रथम तल पर अलग कार्यालय बना दिया गया है जहां उनकी पहुंच नहीं होती है. लोगों की मुख्यमंत्री से मांग है कि इस अस्पताल की व्यवस्था की सुध लें.