बिलासपुर. बीस सूत्री क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष ठाकुर राम लाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिलासपुर में आना काफी समय से एम्स पर लगे पूर्ण विराम को हटाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि बिलासपुर में जिलाधीश कार्यालय, लोनिवि, आईपीएच जैसे सभी विभागों के कार्यालय का भी भगवाकरण कर दिया गया है.
राम लाल ने कहा कि इससे अच्छा होता, देश के प्रधानमंत्री के आगमन पर इन कार्यालयों को राष्ट्रीय ध्वजों से सजाते ताकि लोगों को लगता कि कोई भाजपा नेता नहीं, देश के प्रधानमंत्री बिलासपुर आ रहे हैं. राष्ट्रीय धरोहर बनने वाले एम्स का शिलान्यास होने जा रहा है लेकिन दुख की बात है कि इसे भाजपा का कार्यक्रम बनाया जा रहा है.
बिलासपुर के एम्स का हाल पंजाब के एम्स की तरह न हो जाये
26 दिसंबर 2014 को प्रदेश मंत्रिमंडल में यह फैसला हुआ था कि एम्स बिलासपुर में खुलेगा. जिसमें 609 बीघा जमीन एम्स के नाम कर दी गयी थी. 428 बीघा जमीन का फॉरेस्ट कंजरवेशन एक्ट के तहत वन मंत्राल, भारत सरकार को मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया था. यह समझ नहीं आ रहा कि आधारशिला रखने से पहले सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं या फिर बिलासपुर के एम्स का हाल भटिंडा में रखी गयी एम्स की आधारशिला जैसा तो नहीं होगा. क्योंकि वहां भी पंजाब विधानसभा चुनावों से ठीक पहले ही आधारशिला रखी गयी थी.
दुकानें रहेंगी बंद
ठाकुर राम लाल ने कहा, “अंत में यह कहना चाहूंगा कि प्रधानमंत्री पूरे राष्ट्र के हैं. वे किसी एक संगठन के नहीं हो सकते लेकिन इस कार्यक्रम का भगवाकरण करना बड़े दुर्भाग्य की बात है. मुझे तो यह लग रहा है कि यह रैली हुंकार रैली की तरह अहंकार रैली न बन जाये. इसके साथ ही मैं प्रधानमंत्री की इस रैली में व्यापार मंडल के द्वारा दुकानें बंद रखना, यह आभास दिलाता है कि भाजपा को यह पता लग गया है कि उनकी रैली में भीड़ कम जुटने वाली है, लिहाजा उन्होंने व्यापार मंडल पर दुकानें बंद करने का निर्णय थोपा है.