ऊना. रक्कड़ कॉलोनी में करीब एक महीने पहले हुए 37 दिन के बच्चे का अपहरण और हत्या मामले में मंगलवार को फॉरेंसिक टीम एक बार फिर ऊना पहुंची. इस दौरान एसपी संजीव गांधी और डीएसपी कुलविंद्र सिंह की अगुवाई में पुलिस बल भी मौके पर मौजूद था.
9 अगस्त को नवजात शिशु की मां ने अपने 37 दिन के बेटे के अपहरण किए जाने की शिकायत की थी. गौरतलब बात है कि बच्चा अपनी मां की गोद में ही था और उसका अपहरण हो गया. 10 अगस्त की सुबह उसी बच्चे का शव घर से करीब 70 मीटर दूर गड्ढ़े में मिला था.
पुलिस ने इस मामले में अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है. अपहरण और हत्या का केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. हालांकि उस दौरान भी फॉरेंसिक लैब की उपनिदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन की अगुवाई में टीम ने साक्ष्य जुटाए थे. जिसकी रिपोर्ट को इस केस के लिये बेहद अहम माना जा रहा था. अब दोबारा फॉरेंसिक टीम आई है नए साक्ष्य तलाशने. इतनी जद्दोजहद के बाद भी पुलिस अभी भी असली कातिलों तक नहीं पहुंच पायी है.
प्रश्न यही उठता है कि इतने छोटे बच्चे का अपहरण कर उसकी हत्या किस उद्देश्य से की गयी होगी. बच्चे की मां ने अपने बयान में कहा था कि 9 अगस्त को दो नकाबपोश उसके बच्चे को गोद से छीन कर ले गये और अगले ही दिन बच्चे की लाश गड्ढ़े में मिली. अब ये नकाबपोश कौन थे? यह कहानी कितनी सच्ची है? इन सवालों को सुलझाने में पुलिस लगी है. देखना होगा कि उस मासूम की मां को इंसाफ कब मिलेगा, जिसके लाल को सिर्फ 37 दिन जीने का मौका मिला.