शिमला. नगर निगम शिमला को अगले माह नया सदन मिल जाएगा. इस बार भी सदन में महिलाओं का ही दबदबा रहने वाला है. शहर में कुल 34 वार्डों में से 17 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए है. इसके अलावा कई अनारक्षित वार्डों में भी दोनों ही पार्टियां महिला दावेदारों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही हैं. ऐसे में इस बार नगर निगम सदन में महिला पार्षदों के चुने जाने का नया रिकॉर्ड भी बन सकता है.
बीते नगर निगम चुनाव में 20 महिला पार्षद और 14 पुरुष पार्षद सदन में पहुंचे थे. आरक्षित वार्डों के अलावा तीन अनारक्षित वार्डों से महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. संजौली से सत्या कौंडल, न्यू शिमला से कुसुमलता ठाकुर और रामबाजार वार्ड से सुषमा कुठियाला ने अनारक्षित सीट होने के बावजूद जीत हासिल की थी. इस तरह सदन में कुल 20 महिला पार्षद पहुंची थीं.
अनारक्षित वार्डों में भी निवर्तमान महिला पार्षदों की दावेदारी
शहर में इस बार नया रोस्टर लागू हो रहा है. ऐसे में ज्यादातर निवर्तमान महिला पार्षदों के वार्ड इस बार अनारक्षित हो गए हैं. इन वार्डों से कई पुरुष दावेदार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन निवर्तमान महिला पार्षदों की दावेदारी ने इनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. भाजपा के पास कई निवर्तमान महिला पार्षदों ने अनारक्षित वार्डों से टिकट के लिए दावा ठोका है. सर्वे में भी इनके नाम आगे चल रहे हैं. ऐसे में पार्टी के लिए इन्हें नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा. कांग्रेस के पास भी अनारक्षित वार्डों से महिला दावेदारों के नाम सामने आए हैं. अब देखना होगा कि आरक्षित सीटों के अलावा कुल कितनी अनारक्षित सीटों पर महिला दावेदार चुनाव मैदान में उतरती हैं.
विधानसभा में सिर्फ एक महिला प्रतिनिधि
शिमला नगर निगम में जहां इस बार भी महिला पार्षदों का दबदबा रहने वाला है, वहीं बड़े सदन विधानसभा में सिर्फ एक ही महिला प्रतिनिधि चुनकर पहुंची है. पच्छाद से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीती रीना कश्यप विधानसभा में इकलौती महिला विधायक हैं. महिलाओं के लिए यहां सीटें आरक्षित न होने के कारण हर बार इक्का दुक्का महिला विधायक ही चुनकर विधानसभा पहुंच पाती है.