शिमला. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू(मजदूर संघ सीपीएम) ने 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में श्रम कानूनों को लागू करने के लिए ग्रेटर शिमला वाटर सप्लाई एंड सीवरेज सर्कल के सुपरिंटेंडिंग इंजीनयर के कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान एसई कार्यालय से नदारद पाए गए. एक्सईएन के फ़ोन करने के बावजूद वह भी एसई कार्यालय में नहीं आए. कई घण्टे यूनियन के कार्यकर्ता कार्यालय में ही धरने पर बैठे रहे.
सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि एसटीपी में कार्यरत मजदूरों का जबरदस्त शोषण किया जा रहा है. श्रम कानूनों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है. लेबर ऑफिस के दिशानिर्देशों को दरकिनार किया जा रहा है. एसई ने नगर निगम आयुक्त व एसपी शिमला के समक्ष 7 सितम्बर 2017 को यूनियन से श्रम कानूनों को लागू करने का समझौता किया था व उस समझौते में माना था कि 20 सितम्बर तक समझौता लागू कर दिया जाएगा. लेकिन 4 महीने बीतने के बावजूद भी समझौता लागू नहीं किया गया.
दिलीप कुमार ने रखी मांगे
यूनियन के राज्य महासचिव दलीप कुमार ने मांग की है कि 7 सितम्बर के समझौते को लागू किया जाए. विभाग द्वारा जो वेतन सीवरमैन को दिया जा रहा है उसी अनुरूप सभी मजदूरों का वेतन श्रेणी अनुसार बढ़ाया जाए. सभी मजदूरों को आई कार्ड, सैलरी स्लिप, ईपीएफ स्टेटमेंट, मेडिकल, छुट्टियों, सुरक्षा उपकरणों आदि की सुविधा सुनिश्चित की जाए.
यूनियन नेता मदन लाल व उजागर ने कहा है कि अगर तुरंत मजदूरों को सुविधाएं न दी गईं तो आंदोलन तेज होगा. उन्होंने कहा है कि अधिकारी एसटीपी में नहीं आते व घर तथा ऑफिस से ही प्लांट चलाते हैं. वे घर से ही मजदूरों की हाजिरी लगाते हैं. इस तरह अधिकारी शिमला की जनता की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि जेई रोज़ प्लांट पर आएं ताकि एसटीपी का काम सुचारू तरीके से चले.