शिमला. वर्ल्ड बैंक (World Bank) हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण करेगा. इसके लिए प्रदेश के शिमला और कांगड़ा जिला के नूरपुर को शामिल किया गया है.
इन दोनों जिलों में सडक़ हादसों में सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं. सडक़ हादसों में अधिकतर ओवर स्पीड़ और सडक़ से नीचे खाई में वाहन गिरने के कारण लोगों की मौतें हो रही हैं. प्रदेशभर में इस साल में अब तक पेश आए सडक़ हादसों में 885 से अधिक लोगों ने जान गंवाई है. प्रदेश में सडक़ हादसों एवं कैजुअल्टी कम करने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जाएगा.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत कैजुअल्टी कम करने का लक्ष्य रखा जाएगा. यूएन (UN) के इस मिशन के तहत वल्र्ड बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश में भी करीब 160 करोड़ का बजट खर्च किया जाना. वल्र्ड बैंक के बजट में से पुलिस विभाग को भी करीब 40 करोड़ का बजट दिया जाएगा.
शिमला में भी आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) सिस्टम शुरू
इसमें पुलिस विभाग को नए इंटर सैप्टर वाहन और लाइफ सेविंग किट, बैटन, जैकेट एवं रेस्क्यू किट भी उपलब्ध करवाई जाएगी. दोनों जिलों में 120 कैमरे लगाएं जाएंगे, जिसमें शिमला के 96 और नूरपुर में 24 लगेंगे. इसके अलावा पुलिस विभाग को फोर व्हीलर और दोपहिया वाहन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे.
शिमला और नुरपूर में आईटीएमएस सिस्टम भी शुरू किया जाएगा. आईटीएमएस सिस्टम से ओवर स्पीड और ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों पर शिकंजा कसेगा. शिमला में एक ट्रैफिक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा, जहां से पूरे प्रदेश में चालकों पर नजर रखी जाएगी.
शिमला में पांच, नूरपुर में दो इंटर सैप्टर वाहन उपलब्ध
एआईजी टीटीआर संदीप धवल का कहना है कि वल्र्ड बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश में ट्रैफिक व्यवस्था का आधुनिकीकरण किया जाएगा. इसमें प्रदेश के शिमला और नुरपूर जिला में आईटीएम सिस्टम और इंटर सेप्टर वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे. शिमला जिला में पांच और पुलिस जिला नुरपूर में दो इंटर सैप्टर वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे.
पुलिस-होमगार्ड जवानों को फस्र्ट रिस्पोंडेट ट्रेनिंग
प्रदेश के सात जिलों में पुलिस और होमगार्ड जवानों को फस्र्ट रिस्पोंडेट ट्रेनिंग करवाई जाएगी. जिन जिलों में दुर्घटनाओं की संख्या अधिक होती है, वहां प्रशिक्षित संसाधनों की आवश्यकता अधिक होनी चाहिए. दुर्घटना के आंकड़ों के अनुसार, मारे गए और गंभीर चोटों के 85 प्रतिशत हादसे सात जिलों से रिपोर्ट किए गए हैं. इसमें शिमला, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर, ऊना और कुल्लू जिला शामिल है. एचपीआरआईडीसीएल हिमाचल प्रदेश राज्य सडक़ परिवर्तन परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है. इस परियोजना के तहत सड़क सुरक्षा सलाहकार सेवाएं परामर्श प्रदान करने के लिए परिवहन अनुसंधान प्रयोगशाला को नियुक्त किया है. प्रशिक्षकों द्वारा 240 पुलिस अधिकारियों एवं होमगार्ड जवानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.