नई दिल्ली. हिमाचल और उत्तराखंड के जलग्रहण क्षेत्रों में हो रही बारिश के बाद यमुना नदी का जलस्तर एकाएक बढ़ गया है. शुक्रवार की सुबह से ही यमुना में जलस्तर बढ़ने लगा है. जलस्तर बढ़ने के बाद यमुनानगर जिले के साथ ही दिल्ली पर भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
हथिनी कुंड बैराज से शनिवार को एक लाख 30 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा गया है. इसके बाद यमुना के आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. अधिकारियों के मुताबिक अभी यमुना का पानी नदी में ही बह रहा है. लेकिन बाढ़ से निपटने के लिए ग्रामीणों को चौकना रहने की सलाह दी गई है.
इससे पहले शुक्रवार को यमुनानगर जिले में यमुना नदी का जलस्तर 67,571 क्यूसेक दर्ज किया गया था. इसके बाद दक्षिण यमुना नहर और अन्य नहरों में पानी छोड़ा गया. तब जाकर जलस्तर में थोड़ी कमी आयी है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है.
यमुनानगर के डीसी रोहतास सिंह ने मुताबिक पहाड़ी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिले में बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए कई जगह नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं. इसके साथ ही हथनी कुंज बैराज पर भी बाढ़ चेतावनी कक्ष बनाया गया है.