नई दिल्ली. मुख्यमंत्री योगी आज 6 महीने के दौरान राज्य में हासिल की गयी अपनी उपलब्धियों के साथ पत्रकारों से रूबरू होंगे. इससे पहले सोमवार को योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के छह महीने पूरे होने से ठीक एक दिन पहले पूर्ववर्ती सरकारों के खिलाफ श्वेत पत्र जारी किया है. सोमवार को जारी 24 पन्ने के इस श्वेत पत्र में उन्होने अखिलेश यादव, मायावती और मुलायम सिंह के कार्यकाल की 25 खामियां गिनायी हैं.
श्वेत पत्र में अखिलेश यादव पर आरोप लगाये गए हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भू-माफियाओं को संरक्षण प्रदान किया है. अखिलेश सरकार पर आरोप है कि उनके कार्यकाल में किसान कर्जदार हो गए और यूपी लोक सेवा आयोग की नौकरियां जाति देखकर दी गई. श्वेत पत्र में अखिलेश सरकार के कार्यकाल में हुए दंगे का ठीकरा सरकार पर फोड़ा गया है. श्वेत पत्र कहता है कि इस दौरान हर सप्ताह दो दंगे हुए.
योगी आदित्यनाथ ने श्वेत पत्र जारी करते हुए कहा, “पिछले 12-15 वर्षों में प्रदेश के अंदर काम करने वाली सरकारों की एक अनंत श्रृंखला है. बावजूद कुछ मुख्य बिंदुओं को फोकस करते हुए हम लोगों ने इस छोटी सी पुस्तिका के माध्यम से आप सब के संज्ञान में लाने का एक प्रयास किया है.”
सीएम योगी ने कहा ” पिछली सरकार ने अपनी फ़िज़ूलखर्ची, भ्रष्टाचार और अनावश्यक योजनायें जिनका लोक कल्याण से मतलब नहीं था, उनमें कमी नहीं की बल्कि अखिलेश सरकार ने विकास की योजनाओं में लगातार कमी की. उन्होने भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगाया गया बल्कि प्रदेश में विकास की योजनाओं पर अंकुश लगाया गया.”
मायावती सरकार के दौरान बने स्मारकों के बनने में घोटाले का जिक्र भी किया गया है. श्वेत पत्र में कहा गया है कि स्मारकों को बनाने में पैसे की बंदरबाट बांट हुई, स्मारक के पूरा होते-होते उसका खर्च बढ़कर 483 फीसदी हो गया. श्वेत पत्र में 21 चीनी मिलों को मामूली कीमत पर बेचे जाने का भी जिक्र है. पूर्ववर्ती सरकार पर ‘यश भारती पुरस्कार’ को अपने लोगों को बांटने का आरोप लगाया गया है.