शिमला. हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम अगले तीन सालों में प्रदेश के 50 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा. इसी साल 28 हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है. निगम के निदेशक मण्डल की चौथी बैठक में कहा गया कि कार्यक्रम के लिए एडीबी के 640 करोड़ के सहायता प्रस्ताव को केन्द्र सरकार से मंजूरी भी मिल चुकी है.
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य प्रदेश के अधिकतम युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करवाना है. उन्होंने कहा कि प्रयोगिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में 1080 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया तथा इसमें से 80 प्रतिशत युवाओं को 10 हजार रुपये की मासिक आय वाली नौकरी मिली.
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2017 में प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में व्यवसाय में स्नातक एवं ‘ग्रेजुऐट एड ऑन कार्यक्रम’ लागू किए जाएंगे, जिससे भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे.
उन्होंने कहा कि शिमला के समीप तारादेवी में बनने वाले ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ के लिए निगम को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है तथा 20 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है.
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना भाग-दो के अंतर्गत 14 हजार युवाओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.
हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम के निदेशक विक्रमादित्य सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य सचिव वी.सी. फारका, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी, डॉ. ए.जे.वी. प्रसाद, प्रधान सचिव श्री आर.डी. धीमान, ओंकार शर्मा, योजना सलाहकार हंसराज चौहान, सीआईआई के आयुक्त सुभोध गुप्ता बैठक में मौजूद रहे.