शिमला. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 56,684 करोड़ रुपये का बजट पारित हो गया. 17 मार्च को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने विधानसभा में 53,413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. बजट पर चर्चा के बाद अब यह 3,271 करोड़ रुपये बढ़ गया.
स्वास्थ्य और शिक्षा पर लाए गए कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के बाद बुधवार को 3:30 बजे गिलोटिन लागू हो गया. सीएम ने सदन में भोजनावकाश से पहले वित्तीय वर्ष 2023-24 से संबंधित विनियोग विधेयक पेश किया. इस विधेयक को करीब 4:00 बजे सत्ता पक्ष ने हां में हां मिलाते हुए पारित कर दिया.
56,684 करोड़ में से 45,925 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 10,758.68 करोड़ पूंजीगत व्यय पर खर्च होंगे. अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम में राजस्व व्यय 2,476.94 करोड़, 1,240.21 करोड़ इस योजना के पूंजीगत व्यय, जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत राजस्व व्यय में 1,823 करोड़, पूंजीगत व्यय में 498.13 करोड़, वित्त विभाग के राजस्व व्यय पर 14,354.89 करोड़ और पूंजीगत व्यय पर 5,493.31 करोड़ खर्च होंगे.
किस क्षेत्र के लिए कितना बजट (करोड़ में)
विभाग राजस्व व्यय | पूंजीगत व्यय |
शिक्षा | 7,866.54 98.73 |
स्वास्थ्य | 2,521.13 95.02 |
लोक निर्माण | 3,307.74 1,076.46 |
सिंचाई एवं जलापूर्ति | 2,585.47 538.05 |
ग्रामीण विकास | 1,438.21 12.25 |
सदन की दो बैठकें निलंबित, सोमवार को शुरू होगा सदन
हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र 31 मार्च और शनिवार 1 अप्रैल को होने वाली दो बैठकें निलंबित कर दी गयी हैं. संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बुधवार को इस बारे में सदन में प्रस्ताव पेश किया, जिसको विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने सदन की अनुमति के लिए रखा. सदन में इसे आम सहमति से पारित कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि 31 मार्च और 1 अप्रैल को लगने वाले सभी सवालों के जवाब सदस्यों को लिखित तौर पर भेज दिए जायेंगे, जबकि बाकी कामकाज आने वाले दिनों में सदन की बैठकों में निपटाया जायगा.