शिमला. नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारी महासंघ के संयोजक कुशल शर्मा ने शिमला में कहा कि एनपीएस महासंघ 2003 में गठित हुआ है, जो सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन की बहाली के लिए कार्य कर रहा है. 2003 से ही हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की पेंशन को बंद किया गया है. राज्य के 15 विधायकों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए समर्थन दिया है.
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में एनपीएस से जुड़े 80 हजार कर्मचारी सरकार से भीख नहीं मांग रहे बल्कि हक मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोध करने वाली पार्टी और संगठन का ‘स्वागत’ आगामी चुनाव में कर्मचारी करेंगे. उन्होंने कहा कि नए पेंशन धारकों को मेडिक्लेम भी नहीं मिलेगा और इससे कर्मचारियों को नुकसान होगा.
विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा खामियाजा
शर्मा ने कहा कि देशभर में एनपीएस को लेकर मुहिम छेड़ी गयी है. जिसका फायदा यह मिला कि कुछ राज्यों में नई पेंशन स्कीम लागू की जा रही है. कुशल शर्मा ने सरकार से मांग की है कि 80 हजार कर्मचारियों की मांग को यदि नहीं माना गया, तो राजनीतिक लोगों को आने वाले विधानाभ चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. अब 5 सितंबर की कैबिनेट बैठक में सभी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं. कुशल शर्मा का कहना है कि यदि इस बैठक में फैसला न हुआ तो उसके बाद नई रणनीति से कार्य करेंगे.