बारां. भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा राजस्थान के सभी कॉलेज परिसरो में आयोजित छात्र चौपाल में 70 प्रतिशत विधार्थियों ने चारो पदों को आवश्यक बताया है. छात्रसंघ चुनाव में सिर्फ अध्यक्ष पद के चुनाव करने के प्रस्ताव का विरोध भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया है. इस मामले को लेकर मंगलवार को विदयार्थी परिषद का प्रतिनिधि मण्डल राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री से मिला.
संयोजक योगेश गौतम ने कहा कि एबीवीपी द्वारा लगाये गए विभिन्न चौपाल के सर्वे के मुताबिक 70 प्रतिशत विधार्थियों ने चारो पदों को आवश्यक बताया है.
उन्होनें कहा कि राज्य सरकार द्वारा केवल अध्यक्ष पर पर चुनाव करवाना लोकतंत्र की हत्या व हिटलरशाही निर्णय है.
विधार्थी परिषद द्वारा राजस्थान के सभी कॉलेज परिसरो में आयोजित छात्र चौपालों में 70 प्रतिशत विधार्थियों ने चारो पदों को आवश्यक बताया. अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री संदीप क्षौत्रीय ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा छात्रसंघ चुनाव में जो आलोकतांत्रिक एवं अतार्किक रुपान्तरण किया जा रहा है.
संदीप क्षौत्रीय ने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय केवल उच्च शिक्षा संस्थानों के बजाए छात्र राजनीति का केन्द्र बनकर रह जाएगें. केवल छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद को मत देना छात्र संगठनों में आपसी द्वेष को बढ़ावा देगा. जिस संगठन से अध्यक्ष जीतेगा उसी संगठन से अन्य उच्च पद के प्रतिनिधी होंगे.
संदीप क्षौत्रीय ने कहा कि बताया कि अप्रत्यक्ष रूप से छात्रसंघ में उच्च पदों का चुनाव योग्य छात्रों की नेतृत्व शैली को दबाने एवं उनके अवसर को छीनने का प्रयास है.
वहीं, उच्च शिक्षा मंत्री माहेश्वरी ने प्रतिनिधि मण्डल का पक्ष सुनते हुए आश्वासन दिया कि इस प्रकार की चुनाव प्रणाली को लागू नहीं किया जाएगा जिससे छात्रसंघ कमजोर हो.
प्रतिनिधि मण्डल में मांगीलाल चौधरी, राजेश गुर्जर, अर्जुन तिवारी, रवि विराणी, मेघराज चौधरी, अखिलेश पारीक आदि शामिल रहे.