शिमला. राज्य सरकार ने जलजनित रोगों से बचने के लिए अलर्ट जारी कर दिया है. हिमाचल में पीलिया ने पांव पसार दिए है. ऐसे में सभी सरकारी विभाग सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, स्वास्थ्य, नगर निगम तथा अन्य स्थानीय निकायों को हैपेटाइटिस-‘ए’ और हैपेटाइटिस-‘ई’ जैसी जलजनित बीमारियों के मामलों की रोकथाम के लिए समन्वय से कार्य करने के लिए सरकार ने निर्देश जारी किए है.
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की
मामले पर मुख्य सचिव विनीत चौधरी ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में सभी पानी के टैंकों तथा भण्डरणों को साफ करने के लिए सिंचाई एंव जन स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य विभागों को मानक ऑपरेशन प्रक्रिया अपनानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोगों को उनके निजी पानी के टैंकों को साफ करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, क्योंकि निजी पानी के टैंक कुछ समय के बाद दूषित हो सकते हैं. किसी भी प्रकार के जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए बचाव व कारगर उपायों के बारे जनमानस को संवेदनशील बनाना अति महत्वपूर्ण है.
इस उद्देश्य के लिए सूचना, शिक्षा तथा संचार समिति बनाई जानी चाहिए. जिसमें सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, स्वास्थ्य तथा नगर निगम शिमला के अधिकारी शामिल किए जाने चाहिए, जो कि स्वच्छ व सुरक्षित पेयजल के बारे जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक प्रभावी मीडिया रणनीति तैयार कर इसे कारगरता से कार्यान्वित करेंगे.
मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल को स्वच्छ रखने के लिए जन आन्दोलन पर बल दिया जाना चाहिए. ग्रामसभाओं को भी ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बैठकों के माध्यम से इस बारे लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने व शिक्षित बनाने के लिए शामिल किया जाना चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के साप्ताहिक ‘गिरीराज’ की पहुंच के मध्यनजर लोगों को इसके माध्यम से जागरूक किया जाना चाहिए.
पानी के परीक्षण तथा सैम्पल आधुनिक उपकरणों के साथ नियमित रूप से किए जाने चाहिए
शिमला के सभी छः मल निकासी उपचार सयंत्रों को प्रभावी ढंग से क्रियाशील बनाया जाए. सिंचाई एंव जन स्वास्थ्य विभाग तथा नगर निगम शिमला को मल निकासी तथा पेयजल पाईप-लाईनों में किसी भी तरह के रिसाव को बन्द करने को सुनिश्चित बनाना जाए ,क्योंकि जनजनित बीमारियों का यह एक मुख्य कारण पाया गया है
क्लोरीन तथा अन्य दवाईयों का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित बनाकर इस स्टॉक की उपयोग व भण्डारण करने की अवधि को भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए. जल संसाधनों को दूषित करने की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले व्यापार प्रतिष्ठानों, हॉटलों तथा रेस्तरां मालिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. जल को दूषित होने से बचाने के लिए प्रदेश के तटीय क्षेत्रों के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए.
सभी उपायुक्तों को निर्देश
सरकार ने सभी उपायुक्तों को उनके सम्बन्धित जिलों में जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उठाए जाने वाले कदमों की निगरानी करने के लिए नियमित रूप से बैठकें आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
21 हजार टैंकों की सफाई
सचिव सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य देवेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में 21,000 से भी ज्यादा पानी के टैंको की सफाई की गई है तथा विभाग शीघ्र अतिशीघ्र बर्फ से ढके जनजातीय क्षेत्रों के टैंकों की सफाई भी सुनिश्चित करवाएगा। जल स्त्रोतों में क्लोरिन का प्रभावी छिड़काव भी सुनिश्चित बनाया जाएगा।