बिलासपुर. जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे विधानसभा क्षेत्रों में शिलान्यास व उद्घाटन करने में नेताओ ने तेजी पकड़ ली है. ऐसा ही कुछ घुमारवीं चुनाव क्षेत्र में भी हो रहा है. राजनितिक दल छोटी-छोटी उपलब्धी पर भी अपनी नेम प्लेट लगाना नहीं भूलते हैं. लेकिन राजनितिक दलों द्वारा आनन-फानन में किये जा रहे शिलान्यासों व उद्घाटनों में पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी की जा रही है. ऐसा ही एक मामला ग्राम पंचायत दधोल में विधायक व सीपीएस वन द्वारा किये गये कार्यक्रमों में सामने आया है.
ग्राम पंचायत दधोल में सड़क का भूमि पूजन किया गया एवं पशु चिकित्सालय भवन का शिलान्यास किया गया था. स्थानीय पंचायत प्रधान बलदेव सिंह व पंचायत समिति सदस्य बलवंत कुमार ने बताया कि जिस सड़क का भूमि पूजन किया गया उस सड़क को 12 साल पहले स्थानीय पंचायत द्वारा बनवाया गया है.
दधोल जरोड़ा सम्पर्क सड़क जो प्रधान मंत्री सड़क योजना के तहत बनायी जा रही है उस पर बने पुल का उद्घाटन स्थानीय विधायक द्वारा कर दिया गया. हैरानी की बात है कि न तो संबंधित पंचायतों दधोल, गाहर के नुमाइदों को बुलाया गया है न ही जरोडा गाँव की ग्राम सुधार समिति को ही इस उद्धघाटन में बुलाया गया.
पंचायत प्रतिनिधियों का अपमान
ग्राम सुधार समिति प्रधान अमरनाथ शर्मा ने बताया की इस सड़क को जरोडा ग्राम सुधार समिति द्वारा लगभग दो लाख रूपये खर्च करके खुद बनवाया गया है. उन्होंने कहा इन शिलान्यासों या भूमि पूजन में प्रधानो या पंचायत प्रतिनिधियों को न बुलाना राजनीति से प्रेरित कार्य है. ग्राम पंचायत दधोल के प्रधान बलदेव सिंह ने कहा की पंचायत में हुये ऐसे कार्यक्रम में उनकी अनदेखी उनके पद का अपमान है. पंचायत समिति सदस्य बलवंत कमल ने कहा की पहले ही पंचायत समितियों की निधि समाप्त कर दी गयी है.
ग्राम पंचायत गाहर के प्रधान कुलतार पटियाल ने कहा की उन्हें जब जरोडा पुल के उद्घाटन के बारे में पता चला तो उन्हें बहुत आश्चर्य हुआ क्योंकि उनकी पंचायत के कार्यक्रम में उन्हें नही बुलाया गया था. गाहर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मनीष गर्ग ने कहा की विभागों द्वारा अनदेखी उनके पद की गरिमा का अपमान है.