कांगड़ा(नूरपुर). आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों ने प्राथमिक एवं माध्यमिक पाठशाला में “व्यक्तिगत स्वच्छता” को लेकर बच्चों को जानकारी दी.
उन्होंने बाताया यदि व्यक्तिगत स्वच्छता पर पर्याप्त ध्यान दिया जाए तो दस्त, चमड़ी और आंख के संक्रमण की सम्भावनाएं काफी हद तक घट जाती है. व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो.
“व्यक्तिगत स्वच्छता” विषय पर आज आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी ठेहड़ कूखेड़ डाक्टर संजीव गुलेरीया, डॉक्टर ओ. के. जैदका, आयुर्वेद स्वास्थ्य केन्द्र गुरचाल, डॉक्टर विपन महाजन मौजूद थे.
इस अवसर पर उन्होंने बच्चो को शौच के लिए साफ पानी का प्रयोग करें. कई बार गांव में लोग गड्ढों में जमा पानी का प्रयोग करते हैं. इससे संक्रमण होने का खतरा है.
1. शौच के बाद साबुन से हाथ धोने चाहिए.
2. खाना बनाने एवं खाने से पहले हाथ धोने चाहिए.
3. छोटे बच्चे दिन भर धूल मिट्टी में खेलते रहते हैं और गन्दे हो जाते हैं अतः उनके दिन में कई बार हाथ-मुंह धोने चाहिए.
4. छोटे बच्चे कपड़ों में जब मल-मूत्र त्याग देते हैं तो उन्हें तुरन्त साफ कर दें एवं कपड़े तुरन्त धो कर सुखाने डाल दें.
5. कपड़े और चादर धोने के बाद, उन्हें धूप में सुखाएं. धूप में कीटाणु मर जाते हैं.
6. नाखून साफ रखें और उन्हें काट कर छोटे रखने चाहिए.
7. रात को सोने से पहले और सुबह उठकर दांत साफ करें.
8. रोज नहाएं.
9. नहा कर साफ कपड़े पहनें. नहाने के बाद गन्दे कपड़े पहनने से स्वच्छ शरीर अस्वच्छ हो जाता है.
10. किसी दूसरे का तौलिया व रूमाल प्रयोग नहीं करना चाहिए.
घर की स्वच्छताः
1. सुनिश्चित करें कि बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए पानी के बर्तन स्वच्छ हो.
2. खाने और पीने के बर्तन प्रयोग के बाद स्वच्छ पानी और साबुन या राख से धोयें.
3. मक्खियां न पनपने पाए, इसलिए शौचालय का प्रयोग करें. यदि शौचालय नहीं है तो मल त्यागने के बाद उसे मिट्टी से ढक दें.
4. घर के कचरे को कम्पोस्ट पिट में डालें.
5. घर में फालतू पानी जमा न होने दें.
6. सोखता गड्ढे का प्रयोग करें या फिर फालतू पानी का प्रयोग बागवानी में करें.
7. पानी और खाने को ढक कर रखें ताकि उसमें मक्खियां न बैठने पाए न ही अन्य कीड़े-मकोड़े प्रदूषित करें.
8. घर के फर्श को साफ रखें.
भोजन को दूषित होने से कैसे बचाएं-
दस्त और पेट में कृमि से बचाव हेतु भोजन को दूषित होने से बचाना चाहिए। निम्न बातों का ध्यान रखेंः
1. गन्दे हाथों से खाना बनाने, परोसने या खाने से संक्रमण हो सकता है. अतः हमेशा हाथ धो कर ही उपरोक्त कार्य करने चाहिए.
2. बाजार के खुले खाद्य पदार्थ ले कर नहीं खाएं.
3. कच्चे फल और सब्जियों को हमेशा साफ पानी से धोएं, क्योंकि यह मिट्टी, खाद, मल, गन्दे हाथ या पानी से दूषित हो सकते हैं.
4. खाने को ठीक से पकाना चाहिए, क्योंकि पकने की प्रक्रिया से कीटाणु एवं कीड़ों के अण्डे मर जाते हैं. विशेष रूप से मास-मछली अच्छे ढंग से पकाना चाहिए.
5. भोजन को साफ बर्तनों से ढककर रखना चाहिए.
6. बच्चों को बोतल से दूध नहीं पिलाना चाहिए. यदि बच्चे को ऊपर का दूध देना आवश्यक है तो साफ कटोरी चम्मच या कप से दें.
7. बर्तनों में मक्खियां न बैठने पाएं.