ऊना(चिंतपूर्णी). कठिन दिनचर्या से गुजरने वाले भेड़पालक बारिश न होने से परेशान हैं. पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण भेड़पालक जिले के मैदानी इलाकों का रुख करते हैं. ताकि उन्हें भेड़-बकरियों के लिए पर्याप्त घास मिल सके. इस बार भेड़पालकों के लिए ऊना में हालात पहले जैसे नहीं हैं, क्योंकि यहां भी भेड़-बकरियों के लिए चारा नहीं मिल रहा है.
चारे की समस्या गंभीर हो चली
बारिश न होने से घास के क्षेत्र सूख गए हैं. दो महीने से बारिश की एक बूंद भी नहीं पड़ी है. वहीं घने कोहरे से पेड़-पौधों के पत्ते भी सूख गए हैं. यही कारण है कि भेड़-बकरियों के चरने के लिए घास नहीं मिल रही है. भेड़-बकरियों की चारे की समस्या गंभीर हो चली है जिससे भेड़पालक परेशान हैं.
जहरीली झाड़ियों को खाने के बाद मरते भेड़-बकरी
पालमपुर से आए एक भेड़पालक दर्शन सिंह ने बताया कि चारा न होने पर भेड़-बकरियां जहरीली झाड़ियों को खा जाती हैं, जिससे भेड़-बकरियों की मौत हो जाती है. आजीविका का एकमात्र साधन होने के कारण भेड़ पालक को इसी काम पर निर्भर रहना पड़ता है. ऊना में भेड़ बकरियों के लिए चारे की आस लेकर पहुंचे इन भेड़पालकों के हाथ जहां निराशा लग रही है. वहीं किसान भी सिंचाई के लिए बारिश का इंतजार कर रहे हैं.