शिमला: हिमाचल प्रदेश की बंजर जमीन औषधीय पौधों से लहलहाएगी. मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के तहत 250 हेक्टेयर भूमि पर आंवला, रीठा और हरड़ समेत 14 किस्मों के पौधे रोपे जाएंगे. सरकार ने बुधवार को इस योजना को लेकर अधिसूचना जारी की.
योजना का उद्देश्य पहाड़ी पर मिट्टी के कटाव को रोकना भी है, इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया है. यह भी निर्णय लिया कि चयनित क्षेत्रों का रखरखाव सात वर्षों के लिए किया जाएगा और वृक्षारोपण और रखरखाव का काम स्थानीय निवासियों को आउटसोर्स किया जाएगा ताकि आजीविका के साधन भी सृजित हों.
औषधीय पौधों से लहलहाएगी बंजर जमीन
पौध रोपण के लिए बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, ऊना, धर्मशाला, नूरपुर, पालमपुर, कुल्लू, लाहौल, पार्वती, आनी, किन्नौर, मंडी, जोगिंद्रनगर, नाहन, सोलन और शिमला में 17 साइटें भी चिह्नित की गई हैं.
वन विस्तार योजना के तहत आंवला, रीठा, कचनार, दाड़ू, शीशम, खैर, अर्जुन, जामुन, बेहड़ा, हरड़, बांस की दो प्रजातियां, बेर और रोज की पौध भी रोपी जाएगी. पौधारोपण के लिए दक्षिण मुखी ढलानों, चिट्टान बहुल्य क्षेत्रों और शहरों के समीप अलग-अलग मॉडल बनाए गए हैं.