जयपुर: राजस्थान की पिछली कांग्रेस सरकार में चलाए गए राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को भजनलाल सरकार ने बंद करने का फैसला किया है. राजस्थान का ये कार्यक्रम 31 दिसंबर से बंद कर दिया जाएगा. वहीं इस प्रोग्राम को बंद किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आलोचना की है.
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है. ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं.”
उन्होंने आगे लिखा “नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी. जबकि प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में बीजेपी सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों को हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था. ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए.”
प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा ने भी कसा तंज
वहीं अशोक गहलोत के अलावा राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसको लेकर बीजेपी पर तंज कसा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “राजस्थान की भाजपा सरकार ने नए साल से पहले हजारों राजीव गांधी युवा मित्रों का इंटर्नशिप कार्यक्रम समाप्त कर उन्हें बेरोजगारी का गिफ्ट दिया है.
अगर बीजेपी की राजनीतिक दुर्भावना सिर्फ नाम से थी, तो वो नाम बदल देते लेकिन युवाओं को बेरोजगार क्यों किया? जबकि पिछली भाजपा सरकार में पंचायत सहायकों की नियुक्ति हुई थी, हमारी सरकार आने पर उनका मानदेय बढ़ाकर उन्हें स्थाई करने के प्रावधान का प्रयास किया गया. भाजपा और कांग्रेस की नीति में यही फर्क है.”
बीजेपी ने लगाया ये आरोप
वहीं इस योजना को लेकर बीजेपी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा, “राजस्थान में राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम के माध्यम से कांग्रेस ने सरकारी पैसे से अपने कार्यकर्ताओं की भर्ती कर रखी थी. राजस्थान की लूट की एक कांग्रेसी योजना को रद्द करने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का आभार.”