नई दिल्ली. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लड़कियों से छेड़-छाड़ के विरोध में आंदोलनरत छात्राओं पर लाठीचार्ज के बिगड़े हालात की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए मुख्य प्रोक्टर प्रोफेसर ओंकार नाथ सिंह ने इस्तीफा दे दिया है.
विवि जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि मंगवार को प्रो. सिंह ने पद मुख्य प्रोक्टर से इस्तीफा दे दिया है. कुलपति जीसी त्रिपाठी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है.
वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने अपने रिपोर्ट में विवि की लापरवाही को बिगड़े हालात की वजह बतायी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर बीएचयू प्रशासन प्रदर्शन के पहले दिन ही छात्राओं से मिलकर उनसे बात करता तो इस तरह से उपद्रव के हालात न बनते. संवाद न होने की वजह से ऐसी स्थिति बनी. रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिति काबू करने के लिए भी कोई क़दम नहीं उठाए गए. बता दें कि बीएचयू में हुए बवाल और छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर नितिन गोकर्ण को जाँच की जिम्मेदारी सौंपी थी.
पूरा मामला क्या है?
पीड़ित छात्राओं का आरोप है कि गुरुवार की शाम विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ बाइक सवार ने छेड-छाड़ की थी. विरोध में चिल्लाने के बावजूद चंद दूरी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने मदद नहीं की. इसके बाद उक्त छात्रा ने इस घटना के बारे में अपने साथियों को बताया. आक्रोशित छात्राएं जब इसकी शिकायत लेकर विवि प्रशासन के पास गयीं तो प्रशासन के द्वारा कहा गया कि वे इस मामले में राजनीति कर रही हैं. उल्टे विवि प्रशासन के द्वारा सवाल उठाया गया कि शाम 6 बजे क्यों बाहर घूमने गयी.
छेड़-छाड़ के विरोध में एक छात्रा के द्वारा बाल मुंडवाने के मामले की खबर का खंडन करते हुए फेसबुक पोस्ट के हवाले से विवि के द्वारा कहा गया है कि छात्रा के द्वारा पिछले साल ही शौकिया बाल मुंडवाया गया था.
छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं
छात्राओं की मांग है कि सभी जगहों पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाये और छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. आंदोलनरत छात्राएं चाहती हैं कि अंधेरी जगहों पर उचित प्रकाश की व्यवस्था की जाए. छात्राएं चाहती हैं कि छात्रावास में आने जाने के लिए ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ को खत्म किया जाए. बीएचयू में GSCASH संस्थाएं बनाई जाएं.
छात्राएं यह भी चाहती हैं कि हॉस्टल में उनके साथ लौंगिक भेदभाव न किया जाए और उन्हें भी लड़कों की तरह ही आहार दिया जाये. छात्राओं का आरोप है कि लड़के हास्टलों पर पत्थर फेंकते हैं और अश्लील हरकतें करते हैं.