नई दिल्ली: पिछले दिनों पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाले बीजेपी के 12 सांसदों में से 10 ने बुधवार को संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. अधिकारियों ने बताया कि इस्तीफा देने वाले 10 सांसदों में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल सहित नौ लोकसभा सांसद और एक राज्यसभा सदस्य शामिल हैं.
इस्तीफा देने वाले सांसदों में राजस्थान के दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा हैं. छत्तीसगढ़ से गोमती साई ने लोकसभा सदस्यता छोड़ी है. मध्य प्रदेश के नरेंद्र तोमर, प्रह्लाद पटेल, रीति पाठक, उदय प्रताप सिंह और राकेश सिंह ने सांसदी छोड़ी है.
इन सभी सांसदों ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर जीत हासिल की है. इन मंत्रियों के इस्तीफों के बाद अब उन्हें राज्य में अहम जिम्मेदारी देने के कायस लगने शुरू हो गए हैं.
क्या कहता है नियम ?
नियम के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एकसाथ विधानसभा और लोकसभा का सदस्य नहीं हो सकता है. यदि कोई सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ता है, तो 15 दिन के भीतर उसे सांसदी या विधायकी छोड़नी पड़ती है. केवल 15 दिन तक वह दोनों पदों पर रह सकता है. इसी नियम के तहत भाजपा के 10 सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है.
इन सांसदों ने अभी तक नहीं दिया इस्तीफा
भाजपा के 12 सांसदों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन इस्तीफा 10 ने ही दिया है. राजस्थान के सांसद बाबा बालकनाथ और छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह ने इस्तीफा नहीं दिया. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हें पार्टी संसद में ही रखना चाह रही है।