कांगड़ा(जयसिंहपुर). प्रदेश भर में भाजपा के द्वारा चलाए जा रहे दलित स्वाभिमान सम्मेलनों में दलित वर्ग ने खूब बढ़ चढ़ कर भाग लिया था, जिस कारण दलित बस्तियों में चर्चा का विषय बन गया था. ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार किसी दलित उम्मीदवार को टिकट वितरण किया जा सकता है, तो राजनितिक जानकर इसको भाजपा का गले में पटका और धाम खिला कर ही वोट की उपेक्षा मात्र समझ रहे हैं.
भाजपा सदस्य भाषणों में मंच से कांग्रेस को खूब कोस रहे थे कि आजतक दलित वर्ग का शोषण हुआ और वो अधिकारों से भी वंचित रहे. बाबा साहिब अंबेडकर की नीतियों और देश व समाज के लिए उनका सहयोग और उनकी जीवनी का खूब व्याख्यान हुआ, जिस कारण दलित वर्ग अपने अधिकारों के प्रति जागृत हो कर नेतृत्व के लिए उत्साहित है.
स्वाभिमान सम्मेलनों में कांग्रेस सरकार को कोस कर शोषण और अधिकारों से वंचित होने का आरोप लगाए. कई लोगों को भाजपा का दलित प्रेम गले नही उतर रहा था. उनका कहना है ये प्रेम चुनाव मात्र ही है इससे जयादा कुछ नहीं है. भाजपा का दलित प्रेम मात्र टिकट वितरण से ही मालूम चल जाएगा.
अगर जिला कांगड़ा की बात करें तो 15 विधानसभा क्षेत्र है. अब देखना ये है कि भाजपा जिला कांगड़ा में कितने दलित नेताओं को टिकेट दे कर विशेष वर्ग के प्रति सुहानुभूति व समाज के प्रति प्रतिवद्धता दलित प्रेम निभाता है. दलित वर्ग को टिकट मिलने पर अन्य विधानसभा क्षेत्रों पर भी इसका असर दिखाई देगा. कई समर्थक टिकट वितरण के इंतजार में हैं. इसके बाद समर्थकों के द्वारा नाराजगी जाहिर कर अन्य को भी समर्थन दे सकते हैं.