रांची. आने वाले दिनों में राज्य के प्रत्येक प्रखण्ड में बीपीओ स्थापित किये जायेंगे. बीपीओ ग्रामीण क्षेत्रों के युवक-युवतियों को रोजगार से जोड़ने का मौका उपलब्ध कराता है. उन्होंने कहा कि प्रखण्ड स्तर पर बीपीओ का संचालन कर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के कौशल क्षमता को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है. खास तौर पर लड़कियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें दक्ष बनाया जा रहा है. उक्त बातें मुख्य सचिव ने सोमवार को रांची जिले के सिल्ली प्रखण्ड में संचालित राज्य के पहले बीपीओ संस्थान एवं टाटीसिल्वे स्थित भागलपुर टोली में स्थापित स्त्री स्वाभिमान संस्थान का अवलोकन के क्रम में कही.
प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान में झारखंड का स्थान दूसरा
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा कि डिजीटलाइजेशन के इस युग में कम्प्यूटर की शिक्षा में युवक-युवतियों को निपुण होने की आवश्यकता है. प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान में झारखण्ड देश में दूसरे स्थान पर रहा है. इस क्षेत्र में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण काम किए हैं. ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान को व्यापकता प्रदान करने की आवश्यकता है. कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से युवतियों को बेसिक कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कम्प्यूटर का ज्ञान होने से डाटा इंट्री, इंश्योरंश सेक्टर, बैंकिंग क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं हैं.
बीपीओ को मिला प्रशिक्षण देने का निर्देश
सिल्ली प्रखण्ड के मूरी में स्थापित राज्य का पहला बीपीओ संस्थान के निदेशक बसंत कुमार महतो को मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों के वैसे उच्च विद्यालय जहां पर कम्प्यूटर एवं इंटरनेट उपलब्ध नही हैं वहां के बच्चों को कम्प्यूटर का प्रशिक्षण दें उन्होंने कहा कि बीपीओ से ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को काफी उम्मीदें हैं. बीपीओ में कार्य कर रही युवतियों से मिलकर मुख्य सचिव ने कहा कि यहां की लड़कियों में काफी क्षमता है. यहां कि लड़कियां किसी भी क्षेत्र में रोजगार पा सकती हैं.
“खुद करें अपने उत्पाद की मार्केटिंग”
मुख्य सचिव ने टाटीसिल्वे स्थित भागलपुर टोली में संचालित स्त्री स्वाभिमान संस्थान में सेनेटरी नेपकिन पैड निर्माण से जुड़ी महिलाओं से मिलकर उनके कार्य करने की बारीकियों को जाना. इस संबंध में कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
उन्होंने कार्यरत महिलाओं को कहा कि रोजगार के साथ-साथ समाज के लिए भी कार्य करें. महिलाओं को बिमारियों से बचने के लिए जागरूक करें. उन्हें सेनेटरी नेपकिन पैड के इस्तेमाल के फायदे के संबंध में जानकारी दें. उन्होंने कार्यरत महिलाओं से कहा कि मार्केटिंग का काम भी वे स्वयं करें खुद से तैयार सामग्री को बाजार तक ले जाएं.
अवलोकन के क्रम में निदेशक सूचना प्रोद्यौगिकी निदेशक उमेश प्रसाद शाह, सीएससी स्टेट हेड श्रीशंभू कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे.