चंबा. मणिमहेश डल झील में होने वाले शाही स्नान के लिए चंबा से भव्य छड़ी यात्रा का शुभारंभ हुआ. छड़ी यात्रा एक सप्ताह के पैदल सफर के बाद मणिमहेश डल झील पहुंचेगी. इसके बाद 29 अगस्त को होने वाले शाही स्नान के शुभारंभ पर पवित्र डल झील में छड़ी को स्नान करवाया जाएगा. इस छड़ी यात्रा में स्थानीय साधु महात्माओं के साथ-साथ देश के विभिन्न प्रांतों से आए संत अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहे थे. विधिवत्त पूजा अर्चना के बाद दशनामी अखाड़ा से शोभायात्रा लक्ष्मीनाथ मंदिर पहुंची. जहां कुछ देर विश्राम एवं पूजा के बाद यात्रा अपने अगले पड़ाव राधा कृष्ण मंदिर जुलाकड़ी की ओर कूच कर गई.
इस पवित्र छड़ी यात्रा के दर्शन के लिए सैंकड़ों की संख्या में लोग अपने घरों से बाहर निकले. इस अवसर पर उपायुक्त चंबा सुदेश कुमार मोख्टा ने कहा कि शोभायात्रा के साथ प्रशासनिक तौर पर सुरक्षा व अन्य सुविधा से जुड़े इंतजाम किए गए हैं. छड़ी यात्रा 24 अगस्त को राख से दुर्गठी के लिए रवाना होगी. यहां रात में रूकने के बाद छड़ी यात्रा 25 अगस्त की सुबह दुर्गठी से भरमौर के लिए प्रस्थान करेगी. वहांं चौरासी मंदिर भरमौर में रात रूकने के बाद आगे की यात्रा के लिए छड़ी 26 अगस्त को भरमौर से हड़सर के लिए कूच करेगी.
हड़सर पहुंचने के बाद यात्रा 27 अगस्त को धनछौ के लिए रवाना होगी. धनछौ के बाद 28 अगस्त को मणिमहेश डल झील की ओर बढ़ा जाएगा. अंत में 29 अगस्त को राधाष्टमी के दिन सुबह चार बजे दशनाम की छड़ी को पवित्र डल झील में डुबकी लगवाई जाएगी. छड़ी यात्रा की यह परम्परा सदियों से चली आ रही है. चम्बा के राजा भी इस परम्परा को बखूबी निभाते थे. चम्बा के 1000 साल पुराने इतिहास में भी इस छड़ी यात्रा का जिक्र किया गया है.