नई दिल्ली. चीन की सेना ‘पिपुल्स लिबरेशन आर्मी’ ने तिब्बत में सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है. यह अभ्यास गोला-बारूद के साथ दक्षिणी-पश्चिमी चीन में किया गया. के शुक्रवार को चीन का सरकारी टेलीविजन ‘सीसीटीवी’ के द्वारा जारी एक वीडियो में त्वरित तैनाती की स्थिति में सेना की विभिन्न टुकड़ियों को साथ में सैन्य अभ्यास करते हुए दिखााया है. हालांकि वीडियों में यह नहीं बताया गया है कि यह सैन्य अभ्यास किस समय किया गया.
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, यह सैन्य अभ्यास तिब्बती मिलट्री कमांड और चीन के दो अन्य पर्वतीय सैन्य टुकड़ियों के बीच किया गया है. तिब्बती मिलट्री कमांड भारत-चीन की सीमा (एलएसी) और तिब्बत के विभिन्न इलाकों की निगरानी करती है.
सीसीटीवी द्वारा जारी की गई वीडियों में चीनी सेना को सैन्य बंकरों को ध्वस्त करने वाली एंटी टैंक ग्रेनेड्स और मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है. यह युद्ध अभ्यास 11 घंटों तक चली. इस दरम्यान चीनी सेना को विमानभेदी मिसाइल का प्रयोग भी किया.
इससे पूर्व 10 जुलाई को चीन की सेना ने तिब्बत में आपातकालीन स्थिति में मोबाइल टावर के ध्वस्त होने की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था करने संंबंधी अभ्यास किया था.
पहले भी चीनी सेना के द्वारा हल्के युद्ध टैंकों सहित अाधुनिक हथियारों के साथ युद्द का अभ्यास करने की खबर आई थी.
सिक्किम के निकट डोकलाम क्षेत्र में चीन के द्वारा सड़क बनाने को लेकर भारत-चीन की सीमा पर तनाव बढ़ गया है. चीन इस क्षेत्र में सड़क बनाना चाहता है. यह विवादित सड़क भूटान में बनायी जा रही है, लेकिन यह भारत के लिए भी सामरिक महत्व रखता है. भारत ने चीन के सड़क निर्माण दल को हटा दिया. जिसके बाद दोनों देशों ने सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है. इस बीच भारत सरकार ने हालात से निपटने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दी है. चीन ने भारत को जल्द से जल्द सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है. वहीं, भारत ने अपनी सेना हटाने से इंकार कर दिया है. चीन की सेना ब्रह्मपुत्र नद के निचले हिस्से पर निगरानी कर रही है. चीन में ब्रह्मपुत्र को ‘यारलंग जांगबो’ के नाम से जानते हैं.