नई दिल्ली: दिल्ली में इन दिनों यमुना उफान पर है. इस वजह से दिल्ली के ITO और आसपास के इलाकों में तेजी से पानी भरता जा रहा है. दिल्ली सरकार के अधिकारी यमुना के पानी को शहर में घुसने से रोकने के लिए पूरी रात काम करते रहे. बावजूद इसके उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी है.
अब हालात को बिगड़ता देख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना और एनडीआरएफ की टीम को मौके पर उतारने की मांग की है. उन्होंने इसे लेकर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यमुना का पानी शहर के अंदर आने की वजह से आईटीओ और आसपास बाढ़ आ गई है. इंजीनियर पूरी रात काम करते रहे. मैंने अब मुख्य सचिव को सेना और एनडीआरएफ की मदद लेने के लिए निर्देश दिया है. लेकिन इसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए.
गुरुवार को पहुंचा था 208.62 मीटर तक
गुरुवार दोपहर 2 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.62 मीटर पर पहुंच गया था. यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3 मीटर से ज्यादा है. यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है. केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाके जलमग्न हो जाएंगे. यहां NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं. 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं.
CM आवास के पास पहुंचा यमुना का पानी
सीएम आवास के बाहर 300 मीटर तक जलभराव हो गया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मॉनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. दिल्ली सरकार ने बाहरी राज्य के लोगों के प्रदेश में एंट्री पर रोक लगा दी है. इसलिए सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, छोटे वाहनों की एंट्री जारी रहेगी.
स्कूल कॉलेज किए गए हैं बंद
यमुना के बढ़ते जलस्तर और बाढ़ की आशंका के बीच दिल्ली सरकार ने रविवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं. निचले इलाके में रहने वाले लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा जा रहा है. दिल्ली में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं. मध्य, पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं, जबकि दक्षिण पूर्वी दिल्ली में दो और शाहदरा इलाके में 1 टीम तैनात है.