शिमला. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ बैठक की. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से 25 वर्ष पहले शुरू की गई ऊर्जा परियोजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने का आग्रह किया, जिनकी ऋण अदायगी पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि इनमें राज्य की हिस्सेदारी 12 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत की जानी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश की जलविद्युत क्षमता का लगभग 12000 मेगावाट का अभी दोहन किया जाना शेष है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में जल विद्युत विकास महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके माध्यम से प्रदेश में प्रत्यक्ष रूप से राजस्व सृजन के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होते हैं. इसके अतिरिक्त, प्रदेश में सौर ऊर्जा दोहन की अपार संभावनाएं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा परियोजनाओं से विभिन्न स्तरों पर समझौता करने पर विचार कर रही है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उद्यमियों को निवेश हितैषी तंत्र प्रदान किया जाएगा, ताकि वे अविलंब अपनी परियोजनाएं स्थापित कर सकें. राज्य सरकार द्वारा निवेशकों के लिए नियमों और प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और उपायुक्तों को अनुमति देने का अधिकार प्रदान किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेष रूप से ऊर्जा और पर्यटन के क्षेत्र में समयबद्ध ढंग से सभी आवश्यक अनुमतियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ऊर्जा परियोजनाओं से विभिन्न स्तरों पर समझौता करने पर विचार कर रही है. पहले स्तर पर ऋण अदायगी की अवधि तक के लिए और दूसरा स्तर जलविद्युत परियोजना के हिस्से पर ऋण अदायगी की समाप्ति के बाद का होगा.
CM ने राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सहमति प्रदान करने का भी आग्रह किया
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री के साथ सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा कार्यान्वित की जा रही लुहरी विद्युत परियोजना का मामला भी उठाया और परियोजना की व्यवहारिकता को देखते हुए राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सहमति प्रदान करने का भी आग्रह किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड द्वारा हिस्सेदारी एवं बकाया भुगतान के संबंध में राज्य सरकार के पक्ष में निर्णय दिया है. उन्होंने कहा कि बीबीएमबी को बकाया राशि का तत्काल भुगतान करने के निर्देश दिए जाने चाहिए.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शानन परियोजना की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है और इसे आगे के निष्पादन के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने लेह की तर्ज पर राज्य के स्पिति क्षेत्र में हरित ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का आश्वासन दिया है.
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को सम्मानित किया और उन्हें हिमाचल प्रदेश आने के लिए आमंत्रित भी किया. बैठक में मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया भी उपस्थित थे.