शिमला: मुख्यमंत्री को रास्ते में पैदल जाता देख हर किसी को हैरानी हो जाती है, लेकिन जब से मुख्यमंत्री सुक्खू ने सत्ता संभाली है, तब से यह तस्वीरें आम हो गई हैं. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू की सादगी मंगलवार को एक बार फिर देखने को मिली, जब वह सुबह नौ बजे अपने सरकारी आवास ओकओवर से सचिवालय पैदल ही पहुंच गए.
न सरकारी गाड़ी और न ही सुरक्षा का कोई बड़ा तामझाम. रास्ते में मुख्यमंत्री ने स्कूल जा रहे बच्चों से भी पूछा पढ़ाई कैसी चल रही है. इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान भी थे. सचिवालय पहुंचने के बाद सीएम ने आपदा प्रभावित जिलों के उपायुक्तों से बातचीत की और उनके जिलों में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की फीडबैक ली.
इस दौरान रास्ते में उन्होंने काम के लिए जा रहे लोगों से संवाद किया. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू पोर्टमोर स्कूल की बेटियों के साथ भी संवाद करते नजर आए. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्कूल जा रही बेटियों के साथ संवाद के दौरान पूछा कि अब एक हफ्ते बाद स्कूल खुल रहे हैं, तो क्या वह घर पर बैठे-बैठे बोर भी हुए? इस पर स्कूल की बेटियों ने कहा कि लंबे वक्त बाद स्कूल खुल रहे हैं. अब तो स्कूल जाने की खुशी है. इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या स्कूल बंद रखने चाहिए या फिर खुले?
CM सुक्खू का बच्चों से संवाद
इस पर बेटियों ने जवाब दिया कि अब स्कूलों को खुला ही रखा जाना चाहिए, लेकिन फिर भी मौसम के मुताबिक सरकार फैसला ले तो बेहतर होगा. इसके अलावा भी मुख्यमंत्री रास्ते में लोगों से बात करते हुए राज्य सचिवालय पहुंचे और मुख्यमंत्री को अपनी समस्या बता रहे लोगों को सचिवालय में आकर काम पूरा करने का आश्वासन दिया. इससे पहले 13 मार्च को मुख्यमंत्री सुक्खू बिना तामझाम और वीआईपी प्रोटोकॉल के मॉर्निंग वॉक करते हुए नजर आए थे.
मॉर्निंग वॉक के दौरान तस्वीरें हुई थीं वायरल
इस दौरान उनके साथ न तो कोई सुरक्षाकर्मी था और न ही कोई काफिला. वो हिमाचल प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल और अपने पुराने दोस्त अनूप रतन के साथ मॉर्निंग वॉक कर रहे थे. तब भी मुख्यमंत्री सुक्खू की लोगों के साथ संवाद करते हुए तस्वीरें जमकर वायरल हुई थीं.