शिमला: हिमाचल में सदी की सबसे भीषण तबाही देखते हुए सुक्खू सरकार ने ‘स्टेट डिजास्टर’ घोषित करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने कहा की इसकी नोटिफिकेशन भी जारी कर दी जाएगी.
स्टेट डिजास्टर घोषित होने के बाद प्रदेश में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आ सकेगी. सरकार ज्यादा फोकस के साथ तबाह हुए इन्फ्रास्ट्रक्चर को दोबारा बनाने और प्रभावितों के राहत एवं पुनर्वास के लिए कार्य करेगी. इसके लिए सरकार को अतिरिक्त फंड का भी प्रावधान करना होगा.
प्रदेश में अब तक लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. अफसर दिन रात पीड़ित परिवारों की मदद करने में जुटे हैं. सेना की मदद भी ली जा रही है.
कांगड़ा के इंदौरा में बाढ़ प्रभावितों को रेस्क्यू किया गया है. केंद्र सरकार से अंतरिम राहत की पहली किस्त की जरूरत है. जिन लोगों के घर उजड़ें हैं, उनकी मदद करना सरकार का दायित्व है. केंद्रीय टीम भी नुकसान का जायजा लेने प्रदेश में आ चुकी है. सीएम ने कहा कि प्रदेश में इतनी बड़ी आपदा आई है लेकिन चारों सांसद आपदा में भी राजनीति कर रहे हैं.
CM ने सांसदों पर साधा निशाना
संसद के सत्र में प्रदेश के सांसदों ने सदन में सरकार से सवाल तक नहीं पूछा कि राज्य को राहत राशि कब और कितनी दी जा रही है. चारों सांसदों का डेपुटेशन पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात तक करने नहीं गया कि हिमाचल को जल्द अंतरिम राहत जारी की जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा खुद मदद करने को आगे आए और प्रदेश में नुकसान के बारे में पूछा. चारों सांसद सिर्फ सत्ता सुख भोग रहे हैं. जिन लोगों ने उन्हें चुना उनकी कोई परवाह नहीं है.