शिमला. गुड़िया मामले पर भाजपा घडियाली आंसू बहा रही है वास्तव में भाजपा के यह नेता इस मामले में अपने गुनाहों से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। कोटखाई पुलिस थाना जलाने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने व सचिवालय में आकर पत्थरबाजी करने जैसे गुनाहों में इनके नेता शामिल रहे हैं।
प्रदेश में सरकार को बर्खास्त करने व राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग पर वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी तथा आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को आड़े हाथ लिया है। कांग्रेस का कहना है कि उनकी यह मांग पूरी तरह असंवैधानिक व घटिया मानसिकता की प्रतीक है।
भाजपा की आलोचना करते हुए भरमौरी व चौधरी ने कहा है कि वह गुड़िया मामले का राजनीतिकरण कर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है । भाजपा सीबीआई जांच को भी प्रभावित करने की कोशिश में है क्योंकि प्रदेश में भाजपाई नेता ही इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। मामले की जांच अभी चल रही है। ऐसे में भाजपा का हो-हल्ला, प्रदेश में कानून व्यवस्था के नाम पर उनका उपद्रव और राष्ट्रपति शासन की मांग उनकी बौखलाहट से ज़्यादा कुछ नहीं है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के ख़िलाफ़ भाजपा के षड़यंत्र प्रदेश सरकार को अस्थिर करने के कारण रहे है। मुख्यमंत्री पर झूठे मामले बनवाए गए हैं। पूर्व की भांति इन मामलों में भी वीरभद्र सिंह पाक-साफ़ साबित होंगे और षड्यंत्रकारियों को मुंह की खानी पड़ेगी।
कांग्रेस नेताओं ने भाजपा को सलाह दी है कि उसे लोकतंत्र में जनमत का सम्मान करते हुए अपनी ओछी हरकतों से बाज आना चाहिए। भाजपा को प्रदेश की कानून व्यवस्था पर अपनी झूठी उंगली उठाने से पूर्व अपने उन राज्यों को भी देख लेना चाहिए जहाँ उनकी सरकारें हैं। भाजपा प्रदेश में कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं कर सकती।