शिमला. हिमाचल विधानसभा चुनाव के बाद जिन लोगों को पार्टी के खिलाफ गतिविधि करने के लिये बाहर का रास्ता दिखाया गया था, वह फिलहाल हाईकमान से हरी झंडी न मिलने तक किसी पद से दूर ही रहेंगे.
कांग्रेस ने जहां अब तक पार्टी विरोधी गतिविधि के आरोप में 52 कांग्रेसी नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है. वहीं 10 ऐसे नेता है, जिन्हें चुनाव में अहम जिम्मा दिया और चुनाव होते ही नियुक्तियां रद्द कर दी गई थी.
मंगलवार को कांग्रेस समिति की बैठक के बाद मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान पार्टी अध्यक्ष सुक्खविंद्र सिंह सुक्खू ने दो टूक कहा कि जिन नामों पर हाईकमान ने हरी झंडी नहीं दिखाई वह फिलहाल निष्कासित ही माने जाएंगे.
चुनाव के वक्त कुछ लोगों के नाम पार्टी ने हाईकमान को अनुमोदन के लिए भेजे थे, यह अनुमोदन उन्हें पार्टी में पद देने के लिए किया गया था, पर तीन से चार नामों को छोड़ पार्टी ने किसी अन्य नाम पर अनुमोदन स्वीकार नहीं किया इसलिए उन्हें पद पर से हटाना पड़ा.
पार्टी हाईकमान ने केवल धर्मवीर धामी, प्रेम कौशल, रजनीश किमटा के नामों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की थी. अगर पार्टी हाईकमान इसके अलावा अन्य नामों पर स्वीकृति प्रदान करती है तो उन्हें उसी के अनुरूप भूमिका प्रदान की जाएगी, अन्यथा उन्हें तब तक निष्कासित ही माना जाएगा.
मुख्यमंत्री के समर्थकों से भी मतलब निकाला
मुख्यमंत्री वीरभद्र के समर्थक माने जाने वाले पूर्व विधायक योगराज, सत्य प्रकाश ठाकुर जैसे नेताओं की न केवल विधान सभा चुनाव के दौरान पार्टी में वापसी की थी, बल्कि उन्हें महासचिव तक बनाया गया.
चुनाव खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही उक्त दोनों नेताओं सहित महासचिव हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी सुरेंद्र पाल ठाकुर, प्रवक्ता हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटीे देवेंद्र बुशहरी, सचिव हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी धीरेंद्र सिंह चौहान, प्रवक्ता हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी पुष्पराज शर्मा, उपाध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी कुल्लू चंद्र सैन, महासचिव जिला कांग्रेस कमेटी कुल्लू मान चंद ठाकुर, अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी मंडी राजिंद्र मोहन तथा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी नाचन के अध्यक्ष दामोदर सिंह की नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया.