शिमला. चुनाव जीतने के बाद भाजपा के पार्षद शिमला में खोजे नहीं मिल रहे हैं. ज्यादातर पार्षदों के फोन नंबर बंद हैं. उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. सूत्रों के मुताबिक नगर निगम की सत्ता पर जीत के करीब बीजेपी को अपने पार्षदों के छिटकने का डर है.
जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने शनिवार रात पार्षदों को शिमला से बाहर भेज दिया. बीजेपी ने अपने पार्षदों को पहले पार्टी मुख्यालय बुलाया और वहां पर बैठक के बाद इन सभी को खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए शिमला से बाहर कर दिया.
बताते हैं कि रात को सभी पार्षद सोलन में रुके और फिर इन्होंने चंडीगढ़ की ओर रुख किया. सूत्र बताते हैं कि सभी पार्षद पंचकूला, चंडीगढ़ में बीजेपी नेताओं की निगरानी में हैं. नवनिर्वाचित पार्षदों के फोन या तो बंद हैं या फोन कॉल का जबाव नहीं दे रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस सरकार से खरीद-फरोक्त के डर से इन्हें शिफ्ट किया गया है. ये पार्षद आज चंडीगढ़ में रहेंगे और कल सीधे शपथ ग्रहण के लिए शिमला पहुंचेंगे.
बीजेपी किसी भी कीमत मेयर के पद पर काबिज होना चाह रही है और हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है।