नई दिल्ली. राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने शुक्रवार को कहा कि बिहार में विपक्षी महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद लिया जाएगा।
कन्हैया कुमार के नेतृत्व वाली ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा को अपना समर्थन देने यहां पहुंचे पायलट ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि अगर महागठबंधन सत्ता में आता है तो कांग्रेस आलाकमान और विपक्षी गठबंधन के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करने के लिए एक साथ बैठेंगे। कांग्रेस नेता का यह बयान राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने खुद को महागठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा बताए जाने के कुछ दिनों बाद आया है।
सीएम का नाम विधानसभा चुनाव के बाद तय किया जाएगा
महागठबंधन का एक प्रमुख सहयोगी राजद विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी को विपक्ष का सीएम उम्मीदवार घोषित करना चाहता है। हालांकि पायलट ने यह स्पष्ट किया कि राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव राजद और वाम दलों के साथ गठबंधन में लड़ेगी। इससे पहले, बिहार के लिए एआईसीसी प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा था कि सीएम का नाम विधानसभा चुनाव के बाद तय किया जाएगा।
पायलट ने नीतीश कुमार को घेरा
पायलट ने पलायन और बेरोजगारी के मुद्दे पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरा और कहा कि अगर नीतीश केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार को अपनी पार्टी जेडीयू का समर्थन देने के बदले बिहारी युवाओं के लिए 10-20 लाख नौकरियां मांगते तो उन्हें खुशी होती। उन्होंने डबल इंजन सरकार से मांग की कि वह बिहार से पलायन को तुरंत रोके और युवाओं को रोजगार मुहैया कराए। उन्होंने कहा, ‘लोगों का मौजूदा सरकार से भरोसा उठ गया है।
इसलिए वे नौकरी की तलाश में एक राज्य से दूसरे राज्य जाते हैं और यह प्रथा अब बंद होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं बिहार के पढ़े-लिखे युवाओं को दूसरे राज्यों में नौकरी की तलाश करते देखता हूं तो मुझे अंदर से दुख होता है। सत्ताधारी सरकार ने दशकों से युवाओं की अनदेखी की है। युवाओं का भविष्य राज्य में अंधकार में है क्योंकि सरकार में कोई भी उनकी शिकायतें सुनने को तैयार नहीं है।’ मीडिया के एक सवाल के जवाब में पायलट ने माना कि बिहार में प्रतिभाओं की मौत नहीं हुई है, लेकिन इन प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है। कांग्रेस नेता ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि युवाओं का सिस्टम से विश्वास उठ गया है।
इससे पहले एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि संगठन ने 16 मार्च को पश्चिम चंपारण जिले में महात्मा गांधी के भितिहरवा आश्रम से शुरू हुई अपनी राज्यव्यापी यात्रा के माध्यम से पलायन और बेरोजगारी के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि यात्रा के पीछे हमारा मुख्य उद्देश्य युवाओं को जागृत करना था, जिन्हें बिहार में अगली सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ दल में बदलाव आसन्न दिखाई दे रहा है। बाद में, कांग्रेस नेताओं ने चल रहे ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ अभियान के तहत राज्य की राजधानी में सदाकत आश्रम से सीएम आवास का घेराव करने के लिए अपनी ‘यात्रा’ (पैदल मार्च) निकाली। चल रही ‘यात्रा’ 14 अप्रैल को डॉ. बी आर अंबेडकर की जयंती के अवसर पर समाप्त होगी।