नई दिल्ली. दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे प्रधानमंत्री के नए आवास का रास्ता अब साफ हो गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से मामले में हरी झंडी मिलने के बाद अब राष्ट्र को नया प्रधानमंत्री आवास जल्द मिलने की राह आसान हो गई है.
यह एक्जीक्यूटिव एंक्लेव दिल्ली के अतिसुरक्षित लुटियन्स जोन में आने वाले साउथ ब्लॉक के दक्षिण दिशा में प्लॉट नंबर 36/38 पर बन रहा है. गौरतलब है कि सेंट्रल विस्टा समेत प्राइम मिनिस्टर्स एंक्लेव का निर्माण कर रही केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने दिल्ली सरकार से इसके लिए 173 पेड़ों को निर्माणाधीन साइट से प्रत्यारोपित करने की अनुमति मांगी थी.
हटाए गए पेड़ों के बदले 10 गुना पौधारोपण करेगी एजेंसी
दिल्ली सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में समय से कार्रवाई की जिसकी वजह से परियोजना को गति देने में मदद मिली है. केजरीवाल सरकार ने इस परियोजना को इस शर्त पर मंजूरी दी है कि निर्माण कर रही एजेंसी को प्रत्यारोपित किए जा रहे पेड़ों के बदले 10 गुना ज्यादा पेड़ लगाने होंगे.
प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, इंडिया हाउस और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय इस एक्जीक्यूटिव एंक्लेव का हिस्सा होंगे जिनके निर्माण का अनुमानित खर्च 1,189 करोड़ रुपये है. इंडिया हाउस में कॉन्फ्रेंस की सुविधा होगी जैसे अभी हैदराबाद हाउस में है. जिस तरह से अभी हैदराबाद हाउस में विदेशों से आने वाले उच्चस्तरीय नेताओं की देश के नेताओं के साथ बैठक होती है वैसी ही सुविधा इंडिया हाउस में भी होगी.
सेंट्रल विस्टा का पुनर्विकास, देश का पावर कॉरिडोर, एक नई संसद भवन, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय, प्रधानमंत्री के नए कार्यालय व निवास और एक नए उपराष्ट्रपति एंक्लेव की परिकल्पना करता है.