धर्मशाला. गद्दी समुदाय पर सीएम वीरभद्र सिंह का बयान बहुत लोगों के गले नहीं उतर रही है. इस बयान पर अब शिमला के एक डॉक्टर ने नाराजगी दर्ज कराई है. आपकों बता दें सीएम ने कुछ दिन पहले एक बयान में कहा था, कि अध्यक्ष तो गद्दियों के भी होते हैं. तभी से गद्दी समुदाय के कुछ लोग सीएम के बयान से दुखी हैं.
डॉ.जनक ने अपनी नाराजगी दर्ज करते हुए कहा है कि मैं डॉ जनक राज गांव संचुई डाकघर भरमौर व तहसील भरमौर का स्थाई निवासी हूँ. मैं वर्तमान में इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान महाविद्यालय शिमला में न्यूरो सर्जरी विभाग में बतौर सहायक आचार्य कार्यरत हूँ.
पिछले सप्ताह माननीय मुख्यमंत्री जी के गद्दी समुदाय के सम्बन्ध में की गई टिप्पणी से व्यक्तिगत तौर पर आहत हूँ. मैं गद्दी समुदाय के मूल स्थान भरमौर का रहने वाला हूँ और मुझे गर्व है कि मैं गद्दी हूँ. इसलिए मुझे यह कतई भी बर्दाश्त नहीं कि कोई भी मेरे समुदाय का अपमान करे. आज मैंने जो भी हासिल किया है वो सब इसी समुदाय में जन्म लेने के बाद ही सम्भव हो पाया है.
मुख्यमंत्री का पद प्रदेश का सर्वोच्च्म पद है. इस पद पर बैठे व्यक्ति की हर बात को जनता ध्यान पूर्वक सुनती है और उसका अनुसरण करती है. अगर प्रदेश का मुखिया ही किसी समुदाय विशेष को अपने बयानों में तुलनातमक तौर पर नीचा दिखाए तो उस समुदाय के प्रति समाज का दृष्टिकोण भी प्रभावित होता है.