नई दिल्ली: गूगल (Google) के पहले भारतीय सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) को भारत सरकार ने पद्म भूषण (Padma Bhushan) से सम्मानित किया है. सुंदर पिचाई उन 17 शख्सियतों में शामिल हैं जिन्हें इस वर्ष इस सम्मान से नवाजा गया था . सुंदर पिचाई को यह सम्मान ट्रेड और इंडस्ट्री की कैटेगरी में उनके उल्लेखनीय योगदान को ध्यान में रखते हुए दिया गया है.
मेरा एक हिस्सा है भारत- सुंदर पिचाई (CEO of Google)
पिचाई ने अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू से पुरस्कार स्वीकार करते हुए कहा कि भारत मेरा एक हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ रखता हूं. पिचाई ने कहा, मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का आभारी हूं और मैं गूगल और भारत के बीच साझेदारी को जारी रखने की उम्मीद करता हूं. क्योंकि हम प्रौद्योगिकी का लाभ लाने के लिए मिलकर काम करते हैं.
पिचाई ने कहा कि तकनीकी बदलाव की तेज गति को देखने के लिए वर्षों में कई बार भारत लौटना आश्चर्यजनक रहा है. भारत में किए गए नवाचार डिजिटल भुगतान से लेकर आवाज प्रौद्योगिकी तक दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं. पिचाई ने कहा कि व्यवसाय डिजिटल बदलाव के अवसरों को भुना रहे हैं, और पहले से कहीं अधिक लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है, जिसमें ग्रामीण गांव भी शामिल हैं.
पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल इंडिया विजन निश्चित रूप से उस प्रगति के लिए एक उत्प्रेरक रहा है और मुझे गर्व है कि गूगल ने दो परिवर्तनकारी दशकों में सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के साथ साझेदारी करते हुए भारत में निवेश करना जारी रखा है. समारोह के दौरान सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्यदूत टी वी नागेंद्र प्रसाद भी मौजूद थे.
भारत में हो रही डिजिटल क्रांति का भरपूर उपयोग करेंगे : तरणजीत सिंह संधू
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि पिचाई बदलाव के लिए प्रौद्योगिकी की असीम संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा कि वह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए डिजिटल उपकरण और कौशल को सुलभ बनाने की दिशा में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं. गति, सरलता और सेवा को संयोजित करने वाली तकनीक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को याद करते हुए संधू ने उम्मीद जताई कि गूगल भारत में हो रही डिजिटल क्रांति का पूरा उपयोग करेगा.
सुंदर पिचाई का भारत से रिश्ता
कुछ सालों पहले एक इंटरव्यू में सुंदर पिचाई ने कहा कि, मैं अमेरिकी नागरिक हूं लेकिन भारत मेरे अंदर गहरियों तक है. 2020 की यूट्यूब डियर क्लास वर्चुअल सेरेमनी में सुंदर पिचाई ने कहा था कि, जब मैं अपने बचपन को याद करता हूं तो मुझे अहसास होता है कि उस समय हम टेक्नोलॉजी का इतना उपयोग नहीं कर पाए. 10 साल की उम्र तक मुझे टेलिफोन नहीं मिला. अमेरिका आने तक मुझे नियमित रूप से कंप्यूटर पर काम करने का मौका नहीं मिला. वहीं टीवी पर हमें सिर्फ एक ही चैनल देखने को मिलता था.
वहीं अपने परिवार की आर्थिक तंगी के दिनों को याद करते हुए सुंदर पिचाई ने कहा कि, अमेरिका आने के लिए मुझे अपने पिता की एक साल की सैलरी खर्च करनी पड़ी तब जाकर मैं स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी पहुंच सका. इस वक्त मैं पहली बार प्लेन में बैठा था..अमेरिका बहुत महंगा था. भारत में घर पर फोन लगाने के लिए 1 मिनट का 2 अमेरिकी डॉलर से ज्यादा देना पड़ता था. छात्रों को संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि, खुले विचारों के साथ जियें, धैर्य रखें और आशावादी रहें.