नई दिल्ली. गोरखपुर में हुई मासूम बच्चों की मौत के मामले में स्थानीय डीएम की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में 4 लोगों को दोषी ठहराया गया है. रिपोर्ट में हादसे के लिए सबसे ज्यादा ज़िम्मेदार बीआरडी कॉलेज के प्रिंसिपल आरके मिश्रा को ठहराया गया है. आरके मिश्रा की लापरवाही की वजह से ऑक्सीजन की सप्लाई ठप हुई. ऐसा वित्तीय गड़बड़ी के चलते हुआ.
इसके अलावा एनेस्थीसिया के एचओडी और ऑक्सीजन सप्लाई प्रभारी सतीश, दोनों को भी इस हादसे के लिए ज़िम्म्मेदार ठहराया गया है. इन दोनों ही ने ऑक्सीजन सप्लाई में भारी लापरवाही बरती. इन्होंने न तो यह ध्यान दिया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई कितनी है और न ही ऑक्सीजन के भुगतान को लेकर विभाग को जानकारी दी. जबकि बार-बार बिल भेजा रहा था.
इन तीनों के अलावा ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स को भी दोषी माना गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि ऑक्सीजन एक जीवन रक्षक गैस है. यह कंपनी इस तरह से ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं बंद कर सकती. उसे विरोध के लिए दूसरा तरीका अपनाना चाहिए था.
कफ़ील खान को क्लीन चिट
वहीं दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में डॉक्टर कफ़ील अहमद खान को क्लीन चिट दी गई है. बता दे कि हादसे के बाद कफ़ील को हीरो के तौर पर देखा जा रहा था. यह बताया जा रहा था कि डॉक्टर कफ़ील उस समय मरीजों के लिए अपने पैसे ख़र्च कर ऑक्सीजन का इंतज़ाम कर रहे थे. लेकिन उसके बाद योगी सरकार ने उन्हें हटा दिया था और उनपर कई तरह की आरोप भी लगे थे.
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