रामपुर. रामपुर बुशहर में शनिवार को चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय लवी मेले का शुभारंभ हो गया. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शिमला के रामपुर बुशहर मेले का उद्घाटन किया. इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज़ों और परम्पराओं के लिए प्रसिद्ध है जिसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि राज्य के लोग मेलों व उत्सवों को बहुत श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.
पुरातन वैभव को संजोने में लोकोत्सवों की महत्वपूर्ण भूमिका
राज्यपाल ने कहा कि मेले और उत्सव की राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. लवी मेले का ऐतिहासिक महत्त्व है जो ना केवल व्यापारिक गतिविधियों बल्कि पौराणिक परम्पराओं के लिए भी विख्यात है. उन्होंने कहा कि यह मेला भारत और तिब्बत के मध्य सदियों से प्रचलित एक महत्वपूर्ण व्यापार मेला है और अपनी तरह का एक गौरवशाली, सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक इतिहास और हिमाचल प्रदेश की विरासत का एक अनूठा उदाहरण है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि विभिन्न जिलों के लोक कलाकार लवी मेले की सांस्कृतिक संध्याओं में अपने प्रदर्शन से सभी का मनोरंजन करेंगे।
भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से उखाड़ने का आह्वान
आचार्य देवव्रत ने लोगों का आह्वान किया कि भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए सभी मिलकर आगे आएं. उन्होंने कहा कि आज लड़कियां हर क्षेत्र में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रहीं हैं. उन्होंने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को अपनी ऊर्जा सामाजिक कार्यां और ज्ञानवर्द्धन में लगानी चाहिए ताकि वे समाज की भलाई में अपना योगदान दे सकें. इस दौरान महामहिम राज्यपाल ने किन्नौरी मार्केट का भी शुभारम्भ किया.
इससे पूर्व उन्होंने रामपुर बाजार का दौरा किया और स्थानीय लोगां के साथ बातचीत की. बाजार में स्वच्छता पर नगर परिषद और व्यापार मंडल को बधाई दी. उपायुक्त एवं लवी मेला आयोजन समिति के अध्यक्ष रोहन चंद ठाकुर ने राज्यपाल का स्वागत किन्नौरी टोपी, शॉल तथा स्मृति चिन्ह से सम्मानित कर किया.
इस दौरान एसडीएम निपुण जिंदल, राज्यपाल के सलाहकार शशिकान्त शर्मा, नगर परिषद के सदस्यगण, पंचायती राज संस्थानों के प्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे.