नई दिल्ली. भारत सरकार ने अमेरिका में अपने नागरिकों को अमेरिकी कानूनों का पालन करने की सलाह दी है. ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि एक पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर को गिरफ्तार कर लिया गया है और एक अन्य छात्र को कनाडा भेज दिया गया है.
ये दो छात्र जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल बदर खान सूरी हैं, जिन पर “हमास प्रचार” फैलाने का आरोप है और उन्हें अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया है। दूसरी ओर, कोलंबिया विश्वविद्यालय की छात्रा रंजिनी श्रीनिवासन को “हमास समर्थक” विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने के कारण देश से निकलन पड़ा। वहीं अमेरिका से सूरी को ना निकालने के लिए एक अमेरिकी संघीय न्यायाधीश ने रोक दिया है।
रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉफ्रेंस में कही ये बातें
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को अपनी साप्ताहिक प्रेस कॉफ्रेंस में कहा कि अमेरिका में भारतीय दूतावास और मिशन किसी भी कठिनाई का सामना कर रहे छात्रों की सहायता करेंगे।
एमईए प्रवक्ता ने आगे कहा कि वीजा और इमिग्रेशन मामले संबंधित देशों का एकमात्र विशेषाधिकार हैं और किसी देश के संप्रभु कार्यों के अंतर्गत आते हैं। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दोनों छात्रों ने सहायता के लिए अमेरिका में भारतीय दूतावासों से संपर्क नहीं किया।
उन्होंने कहा आगे कहा कि जब वीजा और इमिग्रेशन नीति की बात आती है, तो यह किसी देश के संप्रभु कार्यों के अंतर्गत आता है.”
छात्र विदेशी कानून का पालन करेंगे
जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत उम्मीद करता है कि देश में सभी विदेशी कानून का पालन करेंगे, ठीक उसी तरह जैसे वह भारतीय नागरिकों से विदेशों में कानूनों का पालन करने की अपेक्षा करता है।
उन्होंने कहा, “हम अपनी ओर से उम्मीद करते हैं कि जब विदेशी नागरिक भारत आएं, तो वे हमारे कानूनों और नियमों का पालन करें। इसी तरह, हमारी यह अपेक्षा है कि जब भारतीय नागरिक विदेश में हों, तो उन्हें स्थानीय कानूनों और नियमों का भी पालन करना चाहिए।”
सूरी की गिरफ्तारी पर बोलते हुए जायसवाल ने कहा कि न तो अमेरिकी सरकार और न ही उन्होंने अमेरिकी दूतावास से संपर्क किया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यह पता चला है कि इस विशेष व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। न तो अमेरिकी सरकार और न ही इस व्यक्ति ने हमसे या दूतावास से संपर्क किया है। इसलिए, हम यही समझते हैं।
श्रीनिवासन एफ-1 छात्र वीजा पर पढ़ाई के लिए अमेरिका गई थीं
रंजनी श्रीनिवासन के सेल्फ एक्साइल मामले पर, विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें मीडिया रिपोर्टों से ही उनके अमेरिका से जाने के बारे में पता चला। हम समझते हैं कि वह कनाडा चली गई हैं.”
श्रीनिवासन एफ-1 छात्र वीजा पर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका गई थीं। विदेश विभाग ने 5 मार्च को उनका वीजा रद्द कर दिया था, और उन्होंने 11 मार्च को स्व-निर्वासन के लिए सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (सीबीपी) होम ऐप का इस्तेमाल किया।
अमेरिका में भारतीयों को किन दिशा-निर्देशों के बारे में पता होना चाहिए
भारत के कंसल्टेंट जनरल ने कहा है कि अमेरिका पहुंचने के बाद इन दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए:
1. छात्र रजिस्ट्रेशन: भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्थान के आधार पर एंबेसी/कंसल्टेंट जनरल की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें।
2. विश्वविद्यालय/संस्था को जानें: अपने विश्वविद्यालय द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं को समझें और उनका लाभ उठाएं। अंतर्राष्ट्रीय छात्र सेवा कार्यालय में उनके बारे में पूछताछ करें।
3. संपर्क में रहें: एंबेसी/कंसल्टेंट जनरल , स्थानीय सलाहकारों/अभिभावकों और भारतीय सामुदायिक संगठनों के संपर्क में रहें। अपने परिवार और करीबी दोस्तों को अपने ठिकाने के बारे में जानकारी दें, खासकर जब अकेले बाहर जा रहे हों।
5. स्थानीय कानून का पालन करें: गाड़ी चलाते समय या मनोरंजक एक्टिविटी करते समय सामान्य सावधानियां बरतें और स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करें, जिसमें यू.एस. में छात्र जीवन से संबंधित पहलू शामिल हैं (उदाहरण के लिए – पीछे बैठे होने पर भी सीटबेल्ट पहनना; नशे की हालत में वाहन न चलाना/तैरना; बोटिंग के दौरान लाइफ़ जैकेट का उपयोग करना; हाइपोथर्मिया से बचने के लिए उचित रूप से कपड़े पहनना, आदि)। किसी भी प्रकार का नशा करने से बचें।
नौकरी करने वाले लोगों के लिए: उन्हें सलाह दी जाती है कि वे केवल उन्हीं नौकरियों में शामिल हों जो उनके वीज़ा स्टेटस का पालन करते हों।