शिमला. साल भर सिर्फ तबादलों के काम में व्यस्त रहने वाले शिक्षा विभाग के लिए भाजपा सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. शिक्षकों की तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगने की तैयारी की जा रही है.
शनिवार को सचिवालय में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि पारदर्शी तबादला नीति बनाने के लिए गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा की पॉलिसी को स्टडी किया जाएगा.
भारद्वाज ने कहा कि जिस तरह शिक्षकों के तबादलों के आदेश ऑनलाइन जारी होते हैं, उसी तरह तबादले के लिए आवेदन भी ऑनलाइन लेने पर विचार चल रहा है. जल्द ही इस दिशा में बड़ा फैसला लिया जाएगा. नई सरकार का यह प्रस्ताव सिरे चढ़ा तो शिक्षा विभाग के अफसरों की सबसे बड़ी समस्या दूर हो जाएगी.
विभागीय अधिकारी गुणात्मक शिक्षा देने सहित अन्य योजनाओं पर सही तरीके से काम कर सकेंगे. शनिवार को शिक्षा मंत्री ने सचिवालय के कमेटी हाल में उच्च शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों से बैठक कर दोनों निदेशालयों के कामकाज को समझा.
डीओ लेटर पर होते हैं तबादले
प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों पर सबसे ज्यादा राजनीति होती है. पूर्व सरकार के कार्यकाल से नेताओं के डीओ (डेमी ऑफिशियल) लेटर लेकर कई शिक्षक अपने तबादले करवाते हैं तो कुछ रुकवाते हैं. राजनीतिक पहुंच की वजह से कई शिक्षक सालों से एक ही जगह डटे हुए हैं. जबकि कई दूर-दूराज के इलाकों में सालों से सेवाएं देने को मजबूर हैं.
अब तक दोनों शिक्षा निदेशालयों में तबादला करना और रोकना ही सबसे बड़ा काम बन गया है.दोनों निदेशक दिन भर इन्हीं कार्यों में व्यस्त रहते हैं.