शिमला: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी (IIT Mandi) में आयोजित जी20-एस20 बैठक के तीसरे दिन स्किल इंडिया विषय पर कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाने के लिए एक मंच प्रदान किया गया.
IIT मंडी में शुरू हुई जी20-एस20 मीट
इस अवसर पर मुख्यातिथि उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि युवाओं को बेहतर कौशल प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और आईआईटी मंडी साथ-साथ काम करेंगे. इसके लिए सरकार ने राज्य में कई कौशल विकास केंद्र स्थापित किए हैं. इसी क्रम में ऊना के कौशल विकास केंद्र को आईआईटी मंडी को सौंपा जा रहा है, जो अब आईआईटी मंडी के एक उपकेंद्र के रूप में कार्य करेगा. आईआईटी मंडी के निदेशक प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहेरा ने कहा कि स्किल इंडिया आत्मनिर्भर भारत के लिए एक अतिआवश्यक प्रेरक तत्त्व है.
IIT मंडी के साथ काम करेगी सरकार
इस संबंध में हमें दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र ने दीर्घकालिक विकास के लिए 17 मापदंडों पर फोकस किया है और आईआईटी मंडी इन लक्ष्यों से संबंधित कई मापदंडों एवं पहलों पर काम कर रहा है. बायोएनर्जी, जलवायु नियंत्रित कृषि और बायोमेडिसिन के साथ ही सेंटर फार सस्टेनेबल डिवेलपमेंट का संस्थान में होना इसके कुछ उदाहरण हैं.
व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के बदलते परिदृश्य पर बात करते हुए राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद की कार्यकारी सदस्य डा. विनीता अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ाने, बेरोजगारी को कम करने और विभिन्न उद्योगों में कौशल की कमी को पूर्ण करने के लिए कौशल विकास के महत्त्व को स्वीकारा है.
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के रणनीति और भावी कार्यं विभाग की जीएम डा. नीता प्रधान दास ने कहा कि किसी कार्यं का भविष्य नए अवसरों की एक नई दुनिया प्रस्तुत करता है.