Himachal Elections 2022 | देश के पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में चुनावी बिसात बिछ चुकी है. राज्य में 1990 के बाद से कोई भी सरकार रिपीट नहीं हुई है, इसलिए इस मिथक को तोड़ने के लिए बीजेपी (BJP) की डबल इंजन की सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है, लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बीजेपी के ही बागी नेता बनते दिखाई दे रहे हैं.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने डाला हिमाचल में डेरा
22 अक्टूबर से बीजेपी अध्यक्ष नड्डा हिमाचल के दौरे पर हैं. दीपावली भी नड्डा ने हिमाचल में ही मनाई. टिकटों की घोषणा के बाद करीब दो दर्जन बागी बीजेपी नेताओं ने चुनाव में ताल ठोक दी है. रोहडू, किन्नौर, देहरा, चंबा, मंडी, नालागढ़, बिलासपुर सहित 21 विधानसभा सीटों पर बागी नेताओं ने ताल ठोक दी है.
इनमें से देहरा से विधायक होशियार सिंह, बंजार से हितेश्वर सिंह, चंबा से इंदिरा कपूर, नालागढ़ से केएल ठाकुर, सुंदर नगर से अभिषेक ठाकुर, बिलासपुर से सुभाष शर्मा, मंडी से प्रवीण शर्मा, कुल्लू से राम सिंह, किन्नौर से तेजवंत नेगी से नाम हैं जो बागी उम्मीदवार के तौर पर बीजेपी के लिए मुसीबत बनते दिखाई दे रहे हैं.
21 बागी नेता अभी भी मैदान में, कड़ी कार्रवाई की तैयारी
हालांकि जेपी नड्डा के हस्तक्षेप के बाद कुल्लू, रामपुर और धर्मशाला सीटों के बागी नेताओं को बीजेपी मनाने में सफल रही लेकिन इसके बाबजूद करीब 21 बागी नेता अभी भी मैदान में हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी इन सभी बागी नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाली है.
पार्टी के निर्देशों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले सभी बागियों को पार्टी बाहर का रास्ता दिखाएगी और 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करेगी. बीजेपी का पूरा जोर है कि उस मिथक को तोड़ना कि कोई सरकार हिमाचल में रिपीट नहीं होती. बीजेपी की रणनीति है कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि को सामने रख कर एक बार फिर से हिमाचल में बीजेपी की सरकार जयराम ठाकुर के नेतृत्व में लाई जाए.