शिमला. हिमाचल प्रदेश में सभी कर्मियों और अधिकारियों के लिए अब बायोमेट्रिक अटेंडेंस लगाना बेहद जरूरी हो गया है. सुनवाई के लिए देरी से पहुंचने पर शिक्षा विभाग के अफसरों पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के तलख होने के बाद प्रदेश सरकार ने बायोमेट्रिक मशीनों से सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हाजिरी को अनिवार्य कर दिया है.
शुक्रवार देर शाम मुख्य सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों सहित विभागों, बोर्डों, निगमों और विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए. कंट्रोलिंग अधिकारियों को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी सौंपी गई है.
कार्मिक विभाग के आदेशों के मुताबिक, सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों के साथ-साथ प्रदेश सरकार के विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में कार्यरत सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को बायोमेट्रिक पर उपस्थिति दर्ज करनी होगी. कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेशों में हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया गया है. साथ ही कहा गया है कि इन आदेशों की अवहेलना को गंभीरता से लिया जाएगा. अवहेलना होने पर सरकार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी कर सकती है.
कोरोना काल में बंद की थी बायोमीट्रिक हाजिरी
प्रदेश में बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था पहले लागू थी, मगर कोविड काल में वर्क फ्रॉम होम के साथ-साथ संक्रमण फैलाव के संभावित खतरे को देखते हुए सरकार ने इसे बंद कर दिया था. अब प्रदेश में कोविड की बढ़ोतरी की दर लगभग न के बराबर है. बावजूद इसके अफसरशाही संबंधित विभागों में बायोमीट्रिक से उपस्थिति दोबारा प्रारंभ करने में उदासीन प्रतीत हो रही है.
अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी पर लगेगी रोक
सरकार के इन आदेशों के बाद ऑफिस पहुंचने में अधिकारियों और कर्मचारियों की लेटलतीफी पर भी रोक लगेगी. इन आदेशों के बाद अब कर्मचारी और अधिकारी समय से पहले अपनी सीट छोड़कर घर नहीं जा सकेंगे. इससे सरकारी कामकाज में भी गुणवत्ता आएगी और कर्मचारियों में भी वर्क कल्चर को बढ़ावा मिलेगा.