शिमला. हिमाचल प्रदेश सरकार युवाओं में पर्यावरण संरक्षण की भावना पैदा करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करने जा रही है, जिसके तहत प्रदेश के छात्रों से एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक (Single Use Plastic) की वस्तुओं की खरीद के लिए स्कूलों और कॉलेजों में एक पुनर्खरीद योजना (Buyback Scheme) शुरू होगी.
नई योजना के तहत, छात्रों को अपने घर से एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को लाने और स्कूल में जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसके लिए उन्हें सरकार द्वारा 75 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान किया जाएगा. योजना का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना है.
1 जुलाई से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 100 स्कूलों में शुरू होगी बाय-बैक स्कीम
हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (HIMCOSTE) के निदेशक ललित जैन ने ‘द हिन्दू’ अखबार को बताया कि “राज्य भर में, हमारे पास स्कूलों में 3,000 इको-क्लब हैं और नेशनल ग्रीन कॉर्प्स कार्यक्रम के तहत 100 कॉलेजों में – ये इको-क्लब छात्र-शिक्षकों का एक संघ हैं जो पर्यावरण जागरूकता और संरक्षण को विकसित करने के लिए काम करते हैं. पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हम 1 जुलाई से 100 स्कूलों में बाय-बैक स्कीम शुरू करेंगे. हम छात्रों को उनके द्वारा लाए जाने वाले एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के लिए ₹ 75 प्रति किलोग्राम का भुगतान करेंगे. इसका उद्देश्य छात्रों को उनके शुरुआती वर्षों में उन्हें पर्यावरण संरक्षण के बारे में पढ़ाना है. जैन ने कहा कि हमारा मानना है कि बचपन में पर्यावरण संरक्षण की आदत डालने के बाद यह आजीवन रह सकती है.”
छात्रों के अलावा, इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में स्कूलों को कवर करते हुए, इको-क्लब स्कूलों के माध्यम से जिला स्तर पर प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करके शिक्षकों, स्कूल प्रबंधन समितियों और अभिभावकों को शामिल करना है. इस परियोजना का उद्देश्य अपने पहले चरण में स्कूल परिसर, इको-क्लब के छात्रों और अन्य लोगों के घरों में और उसके आस-पास कचरे के कूड़ेदान में कमी लाना है.
प्लास्टिक की वस्तुओं को फिर लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाएगा
जैन ने आगे बताया कि स्कूलों से एकत्र की गई एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की वस्तुओं को फिर लोक निर्माण विभाग को सौंप दिया जाएगा और इस प्लास्टिक का उपयोग राज्य में सड़कों के निर्माण के लिए कोलतार में किया जाएगा. प्लास्टिक-बिटुमेन से बनी सड़कें टिकाऊ और लंबे समय तक चलने वाली हैं, इसके अलावा यह अपशिष्ट प्लास्टिक के निपटान में मदद करेगी.