नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा किये जा रहे तमाम प्रयासों के बाद भी मणिपुर पिछले करीब डेढ़ महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. दो समुदायों के बीच शुरू हुई इस हिंसा की आग ने राज्य की शांति व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है, जिसके चलते राज्य में चप्पे-चप्पे सैकड़ों की संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं.
इस हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, वहीं हजारों लोगों को विस्थापित किया है. अब मणिपुर में हुई इस भयंकर हिंसा को लेकर एक और दावा सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि इस हिंसा में चर्चों को टारगेट किया गया. ITLF ने दावा किया है कि मणिपुर में हिंसा के दौरान 253 चर्चों को जलाया गया.
राज्यपाल को दी गई जानकारी
ITLF की तरफ से राज्यपाल अनुसुईया उइके को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें चर्चों को लेकर ये दावा किया गया है की जानबूझ कर दुसरे समुदाय के लोगों ने चर्च को निशाना बनाया.
मणिपुर में 3 मई से हिंसा शुरु हुई थी, जो अब तक जारी है. सरकार के सारे उपाय यहां नाकाम दिख रहे हैं. राज्य के सबसे ज्यादा आबादी वाले मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के बाद कुकी और नगा समुदाय ने इसका विरोध शुरू किया.
ITLF ने लगाए आरोप
ITLF ने मणिपुर की राज्यपाल को जो ज्ञापन सौंपा है, उसमें ये आरोप लगाया गया है कि मेतई और सरकार की विचारधारा एक सामान है जिसके चलते कुकी समुदाय के लोगों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उनकी अनदेखी हो रही है. इस संगठन ने आरोप लगाया कि उनके लोगों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से हिंसा की जा रही है. आगे यह भी दावा किया है कि इस हिंसा में कई लोग लापता हैं और 160 गांवों के लगभग 4500 घरों को जला दिया गया है. जिसके चलते यहां के सिर्फ एक समुदाय के करीब 36 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो चुके हैं.
मणिपुर में जारी हिंसा को देखते हुए राज्य में इंटरनेट पर पाबंदी 15 जून तक बढ़ा दी गई है. सूचना एवं जनसंपर्क और स्वास्थ्य मंत्री एस. रंजन ने रविवार को यहां कहा कि मणिपुर की जातीय हिंसा में विस्थापित हुए 50,650 से अधिक पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को 350 शिविरों में शरण दी गई है.
गोलीबारी में नौ की मौत, 10 घायल
पुलिस ने बताया कि हथियारों से लैस उग्रवादियों ने इमफल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले की सीमा से लगे खामेनलोक क्षेत्र के ग्रामीणों को घेर लिया और रात करीब एक बजे हमला किया. इससे नौ लोगों की मौत हो गई. वहीं 10 लोग घायल हुए हैं. घायलों को इमफल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. तीन मई को राज्य के पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया, जिसके बाद राज्य में हिंसा शुरू हो गई. राज्य के 16 जिलों में से 11 में कर्फ्यू लगा हुआ है.
बिष्णुपुर में एक उपद्रवी की मौत
बिष्णुपुर जिले के गोविंदपुर गांव में सुरक्षा बलों के साथ आज हुई मुठभेड़ में एक उपद्रवी मारा गया है और दो अन्य घायल हो गए हैं. पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने उपद्रवी के कुछ अस्थायी बंकरों और वॉच टावर में आग लगा दी गई थी, जिसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और जमकर गोलीबारी हुई. इसी दौरान एक उपद्रवी की गोली लगने से मौत हो गई.