हमीरपुर: बागवानों के कल्याण के लिए स्कीमें तो करोड़ों की हैं, लेकिन इनमें पैसा समय पर नहीं आ रहा है. समय पर एनुअल एक्शन प्लान जाने के बावजूद ग्रांट जारी करने में लेट लतीफी हो रही है. नया वित्तीय साल शुरू हुए चार माह हो चुके हैं, मगर अभी तक न तो मिशन इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर में एक भी पैसे की ग्रांट आई है और न ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में कोई पैसा आया है. पैसा देरी से आने से जो सुविधाएं बागवानों को अब तक मिल जानी चाहिए थी, वो नहीं मिल पा रही है और इस कारण पूरी बागवानी प्रभावित हो रही है.
वहीं बागवानी विभाग ने वर्ष 2017-18 के एनुअल एक्शन प्लान समय पर भेज दिया था जो मार्च से पहले ही भेजा जाता है ताकि नए वित्तीय साल में यह समय पर मंजूर हो कर सके. ये दोनों स्कीमें केंद्र प्रायोजित हैं. इनमें अलग-अलग कंपोनेंट के लिए पैसा आता है. इस साल एमआईडीएच स्कीम में सात करोड़ का एक्शन प्लान भेजा गया है, जबकि आरकेवीवाई स्कीम में डेढ़ करोड़ का एक्शन प्लान भेजा गया है, लेकिन अभी तक पैसा जारी नहीं किया गया है.
वहीं बागवानी विभाग का कहना है कि दोनों स्कीमों की पहली क़िस्त का पैसा जारी कर दिया गया है पर वह हम तक पहुंची है. जैसे ही यही पैसा हमारे पास आता है इन्हें ब्लॉकवाइज बाँट दिया जायेगा.
गौरतलब है कि स्कीमों में पैसा देरी से मिलने के कारण सबसे बड़ी दिक्कत इसे खर्च करने में आती है. लगभग आधा साल पहली किस्त आने के इंतजार में निकल जाता है. समय पर ग्रांट आए तो समय पर ही इसे खर्च करने पर फायदा बागवानों को मिल सकता है.